आपातकाल भारतीय लोकतंत्र पर एक काला अध्याय था, जब संविधान और नागरिक अधिकारों को कुचलने का प्रयास किया गया : मंत्री रावत
आज मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी कार्यालय, राजसमंद में डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बलिदान दिवस एवं आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ के अवसर पर एक संयुक्त विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में राजस्थान सरकार के जल संसाधन मंत्री श्री सुरेश सिंह रावत मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए और उन्होंने विचारों की गूंज के साथ राष्ट्रभक्ति का संकल्प दोहराया।

गोष्ठी में डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी गई। गोष्ठी में उपस्थित कार्यकर्ताओं, जनप्रतिनिधियों और गणमान्यजनों को संबोधित करते हुए मंत्री श्री रावत ने कहा कि, "डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी का बलिदान भारतीय एकता और अखंडता का प्रतीक है। &39;एक देश, एक विधान, एक निशान&39; के लिए दिया गया उनका बलिदान आज भी युवाओं को प्रेरित करता है।" उन्होंने आगे कहा कि आपातकाल भारतीय लोकतंत्र पर एक काला अध्याय था, जब संविधान और नागरिक अधिकारों को कुचलने का प्रयास किया गया। श्री रावत ने कहा कि यह अवसर हमें लोकतंत्र की रक्षा के लिए निरंतर सजग रहने का स्मरण कराता है।

मंत्री रावत ने कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि वे डॉ. मुखर्जी के विचारों को जन-जन तक पहुंचाएं और आपातकाल जैसी स्थितियों को दोहराए जाने से रोकने हेतु लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा के लिए सदैव तत्पर रहें। इस दौरान भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष मुकेश दाधीच, राजसमंद विधायक दीप्ति माहेश्वरी सहित जिला अध्यक्ष, जनप्रतिनिधिगण, वरिष्ठ कार्यकर्ता, युवामोर्चा सदस्य, महिला मोर्चा, एवं अन्य प्रकोष्ठों के पदाधिकारी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।

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