‘द बैड्स ऑफ बॉलीवुड’ पर रोक की मांग, वानखेड़े की याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा
दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने आईआरएस अधिकारी समीर वानखेड़े की उस याचिका पर मंगलवार को फैसला सुरक्षित रख लिया, जिसमें उन्होंने शाहरुख खान के स्वामित्व वाली रेड चिलीज एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड द्वारा निर्मित श्रृंखला ‘द बैड्स ऑफ बॉलीवुड’ पर अंतरिम रोक लगाने का अनुरोध किया है। वानखेड़े ने श्रृंखला को मानहानिकारक बताते हुए इसे विभिन्न वेबसाइटों से हटाने का आग्रह किया है। न्यायमूर्ति पुरुषेंद्र कौरव ने सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद दो प्रमुख प्रश्न तय किए कि क्या यह वाद दिल्ली में पोषणीय है और क्या विवादित चित्रण, समग्र संदर्भ में देखने पर, कला की अभिव्यक्ति से परे जाकर वादी की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाता है।
वानखेड़े के वकील ने दलील दी कि मुकदमा दिल्ली में पोषणीय है, क्योंकि उनके रिश्तेदार यहां रहते हैं, उनके खिलाफ विभागीय कार्यवाही यहां लंबित है और कई मीडिया घरानों ने उनकी खबरें यहीं से प्रकाशित की हैं। वहीं, रेड चिलीज एंटरटेनमेंट और नेटफ्लिक्स ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि यह याचिका न्यायाधिकार क्षेत्र से बाहर दाखिल की गई है और इसे मुंबई में दायर किया जाना चाहिए था। नेटफ्लिक्स ने तर्क दिया कि शो बॉलीवुड संस्कृति, व्यंग्य और डार्क कॉमेडी पर आधारित है और मानहानि के मुकदमे में इसे प्रतिबंधित नहीं किया जा सकता।
समीर वानखेड़े ने रेड चिलीज और नेटफ्लिक्स पर मानहानि का मुकदमा दायर कर दो करोड़ रुपये का हर्जाना मांगा है, जिसे वे कैंसर रोगियों के लिए टाटा मेमोरियल कैंसर अस्पताल को दान देना चाहते हैं।
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