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सेवा ही संकल्प: अजमेर संसदीय क्षेत्र के 38 मंडलों में भागीरथ चौधरी का जन्मदिन मनाया गया जनसेवा के पर्व रूप में


:: Omprakash Najwani :: 21-Jun-2025
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अजमेर। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री व अजमेर सांसद भागीरथ चौधरी का जन्मदिवस इस वर्ष पूरी तरह सेवा, संवेदना और जनकल्याण को समर्पित रहा। आमतौर पर जहां राजनीतिक हस्तियों का जन्मदिन भव्य आयोजनों में मनाया जाता है, वहीं चौधरी ने अपने कार्यकर्ताओं से अपील की कि इस दिन को उत्सव के बजाय ‘सेवा ही संकल्प’ के रूप में मनाया जाए। अहमदाबाद विमान हादसे जैसी घटनाओं को ध्यान में रखते हुए उन्होंने किसी प्रकार का आयोजन नहीं करने की अपील की और दिन भर समाजसेवा, गौसेवा, वृक्षारोपण और जरूरतमंदों की सहायता के कार्यक्रमों पर जोर दिया।

चौधरी की इस अपील का व्यापक असर रहा और अजमेर संसदीय क्षेत्र के सभी 38 मंडलों में जनसेवा को प्राथमिकता दी गई। किशनगढ़ में उनके पुत्र सुभाष चौधरी के नेतृत्व में मदनेश गौशाला में गौमाता को हरा चारा खिलाया गया। यज्ञ नारायण हॉस्पिटल में मरीजों को फल वितरित किए गए और 100 से अधिक टीबी रोगियों को पोषण किट दी गईं।


किशनगढ़ के यज्ञ नारायण हॉस्पिटल में वर्षों से बंद पड़ी सोनोग्राफी मशीन को भी दोबारा शुरू किया गया। यह सुविधा भागीरथ चौधरी के निर्देश और हस्तक्षेप के बाद संभव हो सकी। मरीजों को अब समय पर जांच सुविधा मिल सकेगी और निजी जांच केंद्रों पर निर्भरता घटेगी।


गर्मी से राहत देने के लिए अजमेर संसदीय क्षेत्र में 127 स्थानों पर वाटर कूलर लगाने का संकल्प लिया गया। इसकी शुरुआत किशनगढ़ कृषि मंडी में पहले कूलर के लोकार्पण से हुई। यह केवल सुविधा नहीं, बल्कि जनप्रतिनिधि की संवेदनशीलता का प्रमाण बना।

समाज कल्याण विभाग अजमेर में दिव्यांगजनों को मोटराइज्ड ट्रायसायकल वितरित की गईं। यह सहायता सांसद निधि से दी गई थी और सैकड़ों जरूरतमंदों तक पहुँची।

 


पूरे क्षेत्र में वृक्षारोपण, बुजुर्गों को वस्त्र और राशन वितरण, दवाइयों का वितरण जैसे विविध सेवा कार्य हुए। अजमेर, पुष्कर, केकड़ी, ब्यावर, नसीराबाद, रूपनगढ़, दूदू सहित विभिन्न स्थानों पर पीपल, नीम, आमला, फलदार पौधों का रोपण किया गया।

इस अवसर पर भागीरथ चौधरी ने सोशल मीडिया, कॉल्स और व्यक्तिगत शुभकामनाओं के लिए सभी का आभार जताया और कहा कि यह प्रेम ही उनकी सबसे बड़ी पूंजी है। उन्होंने बताया कि उन्होंने यह दिन उत्सव के बजाय सेवा, संवेदना और पर्यावरण के नाम किया और उन्हें गर्व है कि लोगों ने भी इसे सेवा पर्व के रूप में अपनाया।

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