बिहार में चुनाव आयोग द्वारा मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर सियासत गरमा गई है। इस मुद्दे पर महागठबंधन ने राज्यव्यापी विरोध की घोषणा की है। 9 जुलाई को महागठबंधन &39;चक्का जाम&39; करेगा, जिसमें लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव भी भाग लेंगे।
तेजस्वी यादव ने कहा कि जिस तरह से बिहार के लोगों से वोटिंग का अधिकार छीना जा रहा है, उसी तरह से उनके बाकी अधिकार भी छीने जाएंगे। इसलिए हम इसका विरोध करेंगे। कांग्रेस के बिहार प्रभारी सुशील पासी ने जानकारी दी कि राहुल गांधी इस दिन पटना में होने वाले विरोध प्रदर्शन में शामिल होंगे।
महागठबंधन नेताओं ने राज्यपाल को इस मुद्दे पर ज्ञापन देने के लिए समय भी मांगा है। महागठबंधन का आरोप है कि इस प्रक्रिया से राज्य के दो करोड़ से अधिक मतदाता मताधिकार से वंचित हो जाएंगे। उनका कहना है कि एसआईआर दलितों, ओबीसी, ईबीसी और अल्पसंख्यकों के वोटों को खत्म करने की गहरी साजिश है, साथ ही इसमें फर्जी मतदाताओं को जोड़ने की सुविधा भी दी जा रही है।
महागठबंधन के कम से कम 11 ब्लॉक सदस्यों ने एसआईआर की जानकारी और अपनी आपत्तियां साझा करने के लिए मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार और दो अन्य आयुक्तों से मुलाकात की है।
तेजस्वी यादव ने बताया कि 5 जुलाई को उन्होंने भारत के चुनाव आयोग से मुलाकात कर सवाल रखे थे, लेकिन अब तक कोई स्पष्टता नहीं मिली। उन्होंने चुनाव आयोग पर भ्रम फैलाने और विरोधाभासी निर्देश देने का आरोप लगाया। तेजस्वी ने कहा कि 6 जुलाई को आयोग के फेसबुक पेज पर दो विरोधाभासी पोस्ट किए गए – एक में बिना दस्तावेज फॉर्म जमा करने की बात, तो दूसरी में समय पर दस्तावेज जमा कराने का निर्देश दिया गया।
महागठबंधन की मांग है कि चुनाव आयोग इस प्रक्रिया को लेकर एक स्पष्ट आदेश जारी करे, ताकि जनता भ्रमित न हो।