हिमाचल प्रदेश के मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने सोशल मीडिया पर एक तीखी टिप्पणी करते हुए लिखा कि किसी की मदद करने के लिए कुर्सी की जरूरत नहीं होती, केवल दृढ़ इच्छाशक्ति आवश्यक होती है। उन्होंने यह भी कहा कि दुख होता है यह देखकर कि इस गंभीर विषय का किस तरह से उपहास उड़ाया जा रहा है।
यह बयान ऐसे समय में आया है जब अभिनेत्री और मंडी से सांसद बनी कंगना रनौत को बाढ़ प्रभावित इलाकों के दौरे के दौरान किए गए एक मज़ाकिया बयान को लेकर आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है। कांग्रेस ने कंगना को इस संवेदनशील विषय पर असंवेदनशील करार दिया है।
कंगना ने आपदा राहत कार्यों को लेकर कहा, "चाहे वह आपदा राहत हो या आपदा ही — मेरे पास कोई आधिकारिक मंत्रिमंडल नहीं है। मेरे पास मेरे दो भाई हैं जो हमेशा मेरे साथ रहते हैं, यही मेरा मंत्रिमंडल है। मेरे पास आपदा राहत के लिए कोई फंड नहीं है या कोई कैबिनेट पद नहीं है। सांसदों का काम संसद तक ही सीमित होता है। हम योजना प्रक्रिया में बहुत छोटे हैं।"
विक्रमादित्य सिंह की टिप्पणी और कंगना रनौत के बयान के बाद राज्य की सियासत में एक नई बहस छिड़ गई है। राहत कार्यों के बीच नेताओं के बयानों को लेकर आम जनता और राजनीतिक दलों में तीखी प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं।