वंदे गंगा जल संरक्षण जन अभियान में जल संसाधन मंत्री सुरेश सिंह रावत ने आनासागर झील में किया श्रमदान, आमजन को जल संरक्षण के प्रति किया प्रेरित
अजमेर, सोमवार।
राजस्थान सरकार के जल संसाधन मंत्री सुरेश सिंह रावत ने वंदे गंगा जल संरक्षण जन अभियान के तहत अजमेर में चल रहे आनासागर झील की सफाई एवं खुदाई कार्य में स्वयं श्रमदान करते हुए आमजन को जल संरक्षण के प्रति प्रेरित किया। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में रावत ने कहा कि गत तीन दिनों से चल रहे इस महा अभियान में अजमेर के समस्त नागरिकों, भारतीय जनता पार्टी के पदाधिकारियों, जनप्रतिनिधियों, आमजन एवं विभिन्न सामाजिक संस्थाओं ने सक्रिय सहभागिता निभाई है। उन्होंने इस अभूतपूर्व जनसहयोग के लिए सभी का आभार व्यक्त किया।
रावत ने कहा कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में यह वंदे गंगा जल संरक्षण जन अभियान 5 जून से 20 जून तक पूरे प्रदेश में वृहद स्तर पर आयोजित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री स्वयं विभिन्न जलाशयों पर पहुँचकर जल संरक्षण की महत्ता को रेखांकित कर रहे हैं। इसी क्रम में अजमेर में भी जनप्रतिनिधियों एवं सामाजिक संगठनों की सहभागिता से यह अभियान प्रभावी रूप से संपन्न हो रहा है।
रावत ने जल स्रोतों के संरक्षण को सामूहिक जिम्मेदारी बताते हुए कहा कि बावड़ियों, तालाबों, झीलों एवं बांधों को अतिक्रमण मुक्त रखते हुए उनके संरक्षण हेतु जनजागरण आवश्यक है। उन्होंने कहा कि आनासागर झील वर्षों से प्रदूषण एवं अतिक्रमण की मार झेल रही है, लेकिन वर्तमान सरकार इसके संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने बताया कि आनासागर झील के सफाई व खुदाई कार्य हेतु टेंडर प्रक्रिया चल रही है और आगामी वर्षा ऋतु से पूर्व इसमें वृहद कार्य प्रारम्भ किया जाएगा।
जल संसाधन मंत्री ने कहा कि झील में सीवरेज जल का प्रवाह पूर्णतया अनुचित है। इसे रोकने हेतु आवश्यक कार्यवाही के लिए संबंधित विभागों एवं स्थानीय निकाय के साथ समन्वय स्थापित कर प्रभावी कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने बताया कि मानसून के दौरान व्यर्थ बहने वाले पानी को संरक्षित करने हेतु पुष्कर के समीप एनीकट निर्माण कर जल संरक्षण एवं फॉरेस्ट डेवलपमेंट के कार्य किए जाएंगे।

रावत ने बताया कि अजमेर जिले में श्रीनगर के समीप ‘मोर सागर’ नामक कृत्रिम बांध का निर्माण कार्य प्रारम्भ किया जा रहा है। इसका वर्क ऑर्डर शीघ्र जारी कर दिया जाएगा। इस परियोजना के पूर्ण होने के पश्चात अजमेर, ब्यावर सहित सम्पूर्ण जिले की भविष्य की जलापूर्ति आवश्यकताओं को सन् 2053 तक ध्यान में रखते हुए स्थायी समाधान मिलेगा। उन्होंने कहा कि इस परियोजना के लिए बीसलपुर से लिफ्ट सिस्टम के माध्यम से जल भंडारण किया जाएगा।

रावत ने बताया कि जिले के अन्य पारंपरिक जल स्त्रोतों के जीर्णोद्धार तथा नए एनीकटों के निर्माण का कार्य भी तेजी से प्रगति पर है। साथ ही, अजमेर से सटे प्रसिद्ध पर्यटक स्थल &39;बीर का तालाब&39; के सौंदर्यकरण एवं पर्यटक सुविधाओं के विकास हेतु 3 करोड़ रुपये की लागत से कार्य प्रारम्भ किया जा चुका है।
कार्यक्रम के समापन पर रावत ने समस्त नागरिकों से अपील की कि जल संरक्षण को एक सतत जन आंदोलन के रूप में आगे बढ़ाएं, ताकि भावी पीढ़ियों के लिए जल संसाधनों की उपलब्धता सुनिश्चित हो सके।

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