केंद्रीय मंत्री और लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान ने बिहार विधानसभा चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी है। सारण जिले में एक रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि बिहार के बेहतर भविष्य और अपने पिता रामविलास पासवान के सपनों को साकार करने के लिए वह यह कदम उठा रहे हैं।
पासवान ने कहा, “लोग मुझसे पूछ रहे हैं कि क्या चिराग पासवान विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। मैं सारण से घोषणा करना चाहता हूं कि हां, चिराग पासवान बिहार के बेहतर भविष्य के लिए चुनाव लड़ेंगे।”
उन्होंने कहा कि वह बिहार को नई ऊंचाइयों पर ले जाना चाहते हैं और ऐसा भविष्य बनाना चाहते हैं जिसमें लड़के-लड़कियों को बेहतर शिक्षा और रोजगार के लिए बाहर जाने की आवश्यकता न हो।
चिराग पासवान ने सभी 243 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने की बात कही। उन्होंने कहा, “हर क्षेत्र में चिराग पासवान पूरी ताकत से लड़ते नजर आएंगे।”
पासवान ने राज्य में अधिवास नीति के समर्थन की बात भी दोहराई। उन्होंने कहा कि 2006 में यह नीति शुरू की गई थी, लेकिन बाद में विपक्षी दलों ने इसे हटा दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि राजद और कांग्रेस राज्य के युवाओं की बेहतरी के लिए कभी नहीं सोचते और लोगों को गुमराह करते हैं।
एनडीए सरकार ने इस नीति को संविधान के खिलाफ बताया है, लेकिन चिराग पासवान इसके समर्थन में अकेले खड़े एनडीए नेता हैं।
उन्होंने राजद पर निशाना साधते हुए कहा कि बिहार के विकास की बात करने वाले वही लोग हैं जिन्होंने 90 के दशक में राज्य को बर्बाद किया था।
चिराग ने यह भी कहा कि अगला चुनाव बेहद अहम है और जीत के बाद ऐसा माहौल बनाया जाएगा जिसमें लोग बिना डर के कभी भी अपने घर से बाहर निकल सकें।
अपने अलग हुए चाचा पशुपति कुमार पारस को विपक्षी इंडिया ब्लॉक में शामिल होने के प्रस्ताव पर चिराग ने नाराजगी जाहिर की। बिना नाम लिए उन्होंने कहा, “मुझे अपनी ही पार्टी से निकाल दिया गया और अपना घर खाली करने को कहा गया।”