अंग्रेज़ी पर नहीं, भारतीय भाषाओं पर हो गर्व : निशिकांत दुबे ने राहुल गांधी पर बोला हमला
नई दिल्ली। भाजपा नेता निशिकांत दुबे ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के उस बयान पर तीखा प्रहार किया है, जिसमें उन्होंने अंग्रेजी को अवसर और समानता का माध्यम बताया था। दुबे ने इसे "गुलामी की मानसिकता" बताते हुए कहा कि राहुल गांधी अपने ही पिता द्वारा लागू की गई 1986 की शिक्षा नीति की भावना के खिलाफ जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि उस नीति में हिंदी, संस्कृत और क्षेत्रीय भाषाओं को बढ़ावा देने की बात कही गई थी।
दुबे ने याद दिलाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने 2020 में जो नई शिक्षा नीति लागू की है, उसमें भी यही उद्देश्य है कि विद्यार्थी अपनी मातृभाषा या क्षेत्रीय भाषाओं में शिक्षा ग्रहण करें ताकि अधिक समझदारी और आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ सकें। उन्होंने कहा कि विदेशी देशों जैसे रूस, चीन, फ्रांस, जापान, कोरिया आदि ने अपनी भाषाओं को प्राथमिकता दी और आज वे वैश्विक मंच पर अग्रणी हैं।
निशिकांत दुबे ने कटाक्ष करते हुए कहा, “आप अंग्रेजी पर गर्व क्यों करते हैं? क्या हमें संथाली, तमिल, तेलुगु, कन्नड़, मलयालम, बंगला, हिंदी, संस्कृत जैसी भाषाओं पर गर्व नहीं होना चाहिए?” उन्होंने राहुल गांधी पर आरोप लगाया कि वे अंग्रेजी के बहाने भारतीय भाषाओं को हीन साबित करना चाहते हैं, जबकि असल में यही भाषाएं भारत की आत्मा हैं।
दुबे ने राहुल की एक्स पोस्ट का हवाला देते हुए कहा कि कांग्रेस नेता युवाओं को भ्रमित कर रहे हैं और राष्ट्रीय शिक्षा नीति का विरोध करके दरअसल भारतीयता का ही विरोध कर रहे हैं। भाजपा नेता ने कहा कि नई पीढ़ी को अंग्रेजी सिखाने में कोई आपत्ति नहीं, लेकिन इसे भारतीय भाषाओं की कीमत पर थोपना आत्मघात होगा।
इस बयानबाज़ी के बाद भाषा को लेकर सियासत एक बार फिर गर्म हो गई है, जहां एक ओर अंग्रेजी को आधुनिक अवसरों की भाषा माना जा रहा है, वहीं दूसरी ओर भारतीय भाषाओं को आत्मनिर्भर भारत की रीढ़ बताया जा रहा है।
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