अहमदाबाद। अहमदाबाद से लंदन जा रही एयर इंडिया-171 की दुर्भाग्यपूर्ण उड़ान हादसे में 241 यात्रियों की मौत के बाद अब मुआवज़े को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। मृतकों के परिवारों ने एयर इंडिया पर आरोप लगाया है कि मुआवज़े की शुरुआती प्रक्रिया के दौरान उन पर दबाव बनाया गया और धमकी दी गई कि यदि वे कंपनी द्वारा दी गई प्रश्नावली पूरी नहीं करेंगे तो उन्हें मुआवज़ा नहीं मिलेगा।
परिजनों का दावा है कि मुआवज़े की राशि में कटौती के उद्देश्य से उनसे ऐसे दस्तावेज़ों पर हस्ताक्षर कराए जा रहे हैं, जिनमें उन्हें अपने मृतक पर वित्तीय निर्भरता का खुलासा करना होता है। वहीं, एयर इंडिया ने इन आरोपों को निराधार और गलत बताते हुए खारिज कर दिया है।
गौरतलब है कि यह हादसा उस वक्त हुआ जब अहमदाबाद से उड़ान भरने के कुछ ही देर बाद बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। विमान में सवार 242 यात्रियों और चालक दल के सदस्यों में से केवल एक जीवित बचा था।
ब्रिटेन स्थित कानूनी फर्म स्टीवर्ट्स को 40 से अधिक पीड़ित परिवारों ने अपने कानूनी प्रतिनिधि के रूप में नियुक्त किया है। यह फर्म भारत की नानावटी एंड नानावटी के साथ मिलकर एयर इंडिया, बोइंग और अन्य संभावित जिम्मेदार पक्षों के खिलाफ दावों पर काम कर रही है।
स्टीवर्ट्स के पार्टनर पीटर नीनान ने एयर इंडिया की आलोचना करते हुए कहा कि उसने बिना किसी स्पष्ट स्पष्टीकरण के कानूनी शब्दों से भरी एक जटिल प्रश्नावली पीड़ित परिवारों को भेजी है। अब यह मामला विमान हादसे की संवेदनशीलता के साथ-साथ मुआवज़े की प्रक्रिया में पारदर्शिता और मानवीय संवेदनाओं के प्रश्न को भी उठाता है।