हर मंदिर में हो गोशाला, पाठशाला और अस्पताल: राज्यपाल अर्लेकर का सुझाव
नई दिल्ली। केरल के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर ने राज्य के हर मंदिर में गोशाला, सनातन धर्म की शिक्षा देने वाली पाठशाला और चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने की आवश्यकता पर जोर दिया है।
अर्लेकर ने शनिवार शाम तालिपरंबा के राजराजेश्वरा मंदिर में भगवान शिव की कांस्य प्रतिमा का अनावरण करने के बाद यह सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि देवस्थानम बोर्ड इस दिशा में ठोस कदम उठा सकता है।
राज्यपाल का सुझाव
राज्यपाल ने कहा, "हमारे सभी मंदिरों में एक गोशाला होनी चाहिए, जहां सड़कों पर घूमने वाले मवेशियों को लाया जा सके। यह हमारी प्राथमिक जिम्मेदारी है। गोशाला के लिए दान देने को कई लोग तत्पर रहते हैं।"
उन्होंने यह भी कहा कि मंदिरों में एक शैक्षणिक संस्थान की स्थापना अनिवार्य होनी चाहिए, ताकि सनातन धर्म की शिक्षाएं अगली पीढ़ी तक पहुंचाई जा सकें।
चिकित्सा सुविधा की भी आवश्यकता
राज्यपाल ने मानव सेवा को माधव सेवा बताते हुए कहा कि मंदिरों में चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराना भी जरूरी है। मरीजों की सेवा भी धर्म का ही हिस्सा है और यह देवस्थानम बोर्ड के माध्यम से संभव है।
राज्यपाल ने क्या मांग की?
अर्लेकर ने कहा, "जब हम लोगों से मांगते हैं, तो वे दान देने को तैयार रहते हैं। हमें उनके पास जाना होगा। जो भी भगवान और मंदिर के चरणों में आता है, उसे जनता और समाज के लिए कुछ वापस देना चाहिए। यह गोशाला, शैक्षणिक संस्थान और चिकित्सा सुविधा के रूप में होना चाहिए। यही आज की आवश्यकता है।"
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