घुसपैठ से निपटने के लिए उच्चस्तरीय जनसांख्यिकीय मिशन की घोषणा: मोदी
अजमेर। भारत के 79वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र के नाम संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घुसपैठ की चुनौती से निपटने के लिए एक उच्चस्तरीय जनसांख्यिकीय मिशन के गठन की घोषणा की। लगातार 12वें स्वतंत्रता दिवस भाषण में मोदी ने कहा कि भारत घुसपैठियों को आदिवासियों की ज़मीन और युवाओं की आजीविका हड़पने नहीं देगा।
मोदी ने कहा कि एक पूर्व-नियोजित साजिश के तहत देश की जनसांख्यिकी को बदला जा रहा है और यह एक नए संकट के बीज बो रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि घुसपैठिए युवाओं की रोज़ी-रोटी छीन रहे हैं, बेटियों और बहनों को निशाना बना रहे हैं और भोले-भाले आदिवासियों को बेवकूफ बनाकर उनकी वन भूमि पर कब्जा कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि जनसांख्यिकीय परिवर्तन, खासकर सीमावर्ती क्षेत्रों में, राष्ट्रीय सुरक्षा, एकता, अखंडता और प्रगति के लिए संकट पैदा करते हैं और सामाजिक तनाव के बीज बोते हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि दुनिया का कोई भी देश खुद को घुसपैठियों के हवाले नहीं कर सकता, तो भारत भी ऐसा नहीं करेगा। मोदी ने कहा कि पूर्वजों ने सर्वोच्च बलिदान देकर आज़ादी हासिल की और नागरिकों का कर्तव्य है कि वे ऐसी गतिविधियों को स्वीकार न करें। यही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।