सितंबर में मणिपुर दौरे पर जाएंगे प्रधानमंत्री मोदी, पूर्वोत्तर को मिलेंगी नई सौगातें
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सितंबर के दूसरे सप्ताह में मणिपुर का दौरा कर सकते हैं। मेइती और कुकी-जो समुदायों के बीच 3 मई 2023 से शुरू हुई जातीय हिंसा के बाद यह उनका इस पूर्वोत्तर राज्य का पहला दौरा होगा। हिंसा में अब तक 250 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और लगभग 60,000 लोग राहत शिविरों में रह रहे हैं। प्रधानमंत्री के अब तक राज्य न पहुंचने पर विपक्ष और स्थानीय लोगों की आलोचना होती रही है।
सरकारी सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री इम्फाल और चुराचांदपुर जिलों का दौरा करेंगे, जहां वह विस्थापित परिवारों से मिल सकते हैं और कुछ आधारभूत परियोजनाओं का उद्घाटन तथा नई योजनाओं की घोषणा करेंगे। प्रधानमंत्री की यात्रा के मद्देनज़र सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि किसी भी प्रकार की हिंसा भड़काने की कोशिश हो सकती है, लेकिन पूरे हालात पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है।
राज्य में 13 फरवरी 2024 से राष्ट्रपति शासन लागू है, जिसे हाल ही में 5 अगस्त को छह महीने और बढ़ाया गया। हालांकि विधानसभा भंग नहीं की गई है और निर्वाचित सरकार की बहाली के प्रयास जारी हैं। राष्ट्रपति शासन लागू होने के बाद हिंसा की घटनाओं में कमी आई है। पुलिस ने उगाही करने वाले गिरोहों पर कार्रवाई करते हुए 2023 में लूटे गए 6,020 हथियारों में से करीब 3,000 बरामद किए हैं।
प्रधानमंत्री का यह दौरा मिज़ोरम और असम की 12–14 सितंबर की यात्रा के दौरान होने की संभावना है। मिज़ोरम में वह राज्य की पहली बड़ी रेलवे परियोजना का उद्घाटन करेंगे, जिससे मिज़ोरम सीधे राष्ट्रीय रेल नेटवर्क से जुड़ जाएगा। इस परियोजना से व्यापार, पर्यटन और आवागमन की नई संभावनाएं खुलेंगी। प्रधानमंत्री के साथ कई केंद्रीय मंत्री भी मौजूद रहेंगे और अन्य आधारभूत परियोजनाओं की समीक्षा करेंगे।
केंद्र सरकार पिछले एक दशक से पूर्वोत्तर को देश की मुख्यधारा से जोड़ने पर विशेष बल देती रही है। असम का बोगीबील ब्रिज, इम्फाल और आइज़ोल एयरपोर्ट का विस्तार और अब मिज़ोरम रेलवे प्रोजेक्ट इसी रणनीति का हिस्सा हैं। कनेक्टिविटी बढ़ने से पूर्वोत्तर की संस्कृति और प्राकृतिक सुंदरता अधिक पर्यटकों तक पहुंचेगी और स्थानीय उत्पाद राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय बाजारों में आसानी से पहुंच पाएंगे।
प्रधानमंत्री मोदी का यह दौरा "एक भारत-श्रेष्ठ भारत" की परिकल्पना को साकार करने और पूर्वोत्तर को देश की नई विकास धुरी बनाने की दिशा में अहम कदम माना जा रहा है।