पंजाब में बाढ़ से हाहाकार, अमित शाह ने ली स्थिति की जानकारी
पंजाब में बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी हुई है। रावी, ब्यास और सतलुज नदियों के उफान से राज्य के नौ जिलों के 1,018 गांव प्रभावित हुए हैं और 1.51 लाख एकड़ (61,273 हेक्टेयर) में खड़ी फसलें जलमग्न हो गई हैं। अब तक 24 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि फसलों के नुकसान और पशुओं की मौत से राज्य को भारी वित्तीय नुकसान हुआ है।
जिला मुख्यालयों से प्राप्त रिपोर्टों के अनुसार, फाजिल्का में 16,632 हेक्टेयर, फिरोजपुर में 10,806 हेक्टेयर, कपूरथला में 11,620 हेक्टेयर, पठानकोट में 7,000 हेक्टेयर, तरनतारन में 9,928 हेक्टेयर और होशियारपुर में 5,287 हेक्टेयर भूमि प्रभावित हुई है। होशियारपुर के गढ़शंकर उपमंडल के कई गांवों में भारी बारिश से बाढ़ आ गई। पौंग बांध का जलस्तर 1,390 फीट के खतरे के निशान से ऊपर 1,391.05 फीट पर पहुंच गया। बांध में 87,323 क्यूसेक पानी का प्रवाह हुआ, जबकि शाह नहर बैराज से 1.10 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया। टांडा और मुकेरियां क्षेत्र के कई गांव सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया और मुख्यमंत्री भगवंत मान से बातचीत कर स्थिति का जायजा लिया। टेलीफोन पर बातचीत में राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने उन्हें मौजूदा हालात और राहत-बचाव कार्यों की जानकारी दी। शाह ने बाढ़ से निपटने के लिए हरसंभव मदद का आश्वासन दिया।
लगातार बारिश के कारण पंजाब के कई जिलों में हालात बिगड़े हुए हैं। राज्य सरकार ने रविवार को स्कूलों की छुट्टी तीन सितंबर तक बढ़ा दी। अधिकारियों के अनुसार, पंजाब में अगस्त माह में 253.7 मिलीमीटर बारिश हुई है, जो सामान्य से 74 प्रतिशत अधिक और पिछले 25 वर्षों में सबसे ज्यादा है। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कहा कि पंजाब दशकों में आई सबसे भीषण बाढ़ आपदा से जूझ रहा है, जिससे लगभग 1,000 गांव और लाखों लोग प्रभावित हुए हैं।