दिल्ली में यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर, हथिनीकुंड और वज़ीराबाद बैराज से छोड़ा जा रहा भारी पानी
उत्तर भारत में लगातार हो रही भारी बारिश के बीच दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया है, जिससे बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) के अनुसार, रविवार शाम करीब सात बजे पुराने रेलवे पुल पर जलस्तर 204.60 मीटर तक पहुँच गया, जो चेतावनी स्तर 204.50 मीटर से ऊपर है। सोमवार सुबह यह स्तर 204.80 मीटर दर्ज किया गया।
सीडब्ल्यूसी ने कहा कि जलस्तर में यह बढ़ोतरी ऊपरी यमुना जलग्रहण क्षेत्र में भारी वर्षा और हथिनीकुंड व वज़ीराबाद बैराज से छोड़े जा रहे पानी के कारण हुई है। एडवाइजरी में चेतावनी दी गई है कि 19 अगस्त की सुबह दो बजे के आसपास जलस्तर 206 मीटर तक पहुँच सकता है। दिल्ली के लिए चेतावनी स्तर 204.50 मीटर, खतरे का स्तर 205.33 मीटर और 206 मीटर पर लोगों को हटाने की प्रक्रिया शुरू होती है।
बाढ़ नियंत्रण विभाग के अनुसार, हथिनीकुंड बैराज से इस समय लगभग 58,282 क्यूसेक और वज़ीराबाद बैराज से हर घंटे 36,170 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। यह पानी सामान्यतः 48 से 50 घंटे में दिल्ली पहुँचता है। अधिकारियों ने बताया कि सभी एजेंसियों को सतर्क कर दिया गया है और हालात पर लगातार निगरानी रखी जा रही है।
इस बीच, लगातार बारिश से दिल्ली-एनसीआर की वायु गुणवत्ता में सुधार हुआ है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, रविवार को 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 91 दर्ज किया गया, जो ‘संतोषजनक’ श्रेणी में है। यह इस साल का 53वां दिन है जब दिल्ली की वायु गुणवत्ता संतोषजनक रही।
पुराना रेलवे पुल बाढ़ निगरानी का मुख्य केंद्र बना हुआ है, जहाँ लगातार बढ़ते जलस्तर ने प्रशासन की चिंताएँ बढ़ा दी हैं। शुक्रवार को जलस्तर 204.65 मीटर, शनिवार को 205.11 मीटर और रविवार को फिर चेतावनी निशान से ऊपर चला गया। अधिकारी मान रहे हैं कि आने वाले घंटों में स्थिति और गंभीर हो सकती है।