यमुना का जलस्तर 206.36 मीटर, उत्तर भारत में बाढ़ का कहर
दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर 206.36 मीटर तक पहुंच गया है, जो 13 जुलाई 2023 को दर्ज हुए सर्वकालिक उच्चतम स्तर 208.66 मीटर से केवल 2.30 मीटर कम है। जल स्तर में तेजी से वृद्धि ऊपरी बैराजों से भारी प्रवाह के कारण हुई है। हथिनीकुंड से 1.76 लाख क्यूसेक, वजीराबाद से 93,260 क्यूसेक और ओखला से 1.15 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने के बाद स्थिति गंभीर हो गई है।
बढ़ते जलस्तर को देखते हुए अधिकारियों ने पुराने रेलवे पुल को बंद कर दिया है और निचले इलाकों में आपातकालीन उपाय लागू किए हैं। मूर्ति विसर्जन सहित सार्वजनिक आवाजाही पर प्रतिबंध लगाया गया है और निकासी अभियान जारी है। मंगलवार शाम जारी बाढ़ परामर्श में कहा गया कि तीन सितंबर की सुबह तक जलस्तर 206.90 मीटर तक पहुंचने की आशंका है और इसके बाद भी इसमें वृद्धि संभव है।
दिल्ली में जलस्तर बढ़ने से जिला प्रशासन निचले इलाकों के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा रहा है। केंद्रीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष के अधिकारियों के अनुसार, जलस्तर बढ़ने का मुख्य कारण हर घंटे छोड़ा जा रहा भारी पानी है। मंगलवार सुबह आठ बजे हथिनीकुंड बैराज से 1.62 लाख क्यूसेक और वजीराबाद बैराज से 1.38 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया।
पंजाब में भीषण बाढ़
पंजाब 1988 के बाद से सबसे बड़े बाढ़ संकट से जूझ रहा है। राज्य सरकार ने बताया कि अब तक 30 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है और 23 जिलों में 3.5 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। सतलुज, व्यास और रावी नदियों के साथ कई मौसमी नदियाँ खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। इससे 1,400 से ज्यादा गाँव जलमग्न हो गए हैं। जालंधर के कई इलाके 5 से 6 फीट पानी में डूब गए हैं और कपूरथला में काली बेईं नदी के बढ़ते जलस्तर के कारण कांजली वेटलैंड के 12 द्वार खोलने पड़े हैं।
हिमाचल में रेड अलर्ट
हिमाचल प्रदेश में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश के कारण भूस्खलन, अचानक बाढ़ और सड़कें बंद होने से हालात बिगड़ गए हैं। भारत मौसम विज्ञान विभाग ने चंबा, कांगड़ा, कुल्लू और मंडी में अत्यधिक भारी बारिश के लिए रेड अलर्ट और अगले 48 घंटे के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। शिमला और लाहौल-स्पीति सहित अन्य जिलों पर भी कड़ी निगरानी रखी जा रही है।
उत्तर भारत के कई राज्य बाढ़, भूस्खलन और बारिश की आपदाओं से जूझ रहे हैं, जिससे आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।