लोकसभा में हंगामे पर अध्यक्ष ओम बिरला की सख्त चेतावनी, कहा- नारे नहीं, सवाल पूछें
लोकसभा में सोमवार को विपक्षी सांसदों के हंगामे और नारेबाजी के बीच अध्यक्ष ओम बिरला ने उन्हें सख्त लहजे में चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि सांसद जिस ज़ोर से नारे लगा रहे हैं, उसी ज़ोर से अगर सवाल भी पूछेंगे तो जनता का भला होगा। ओम बिरला ने कहा कि जनता ने सांसदों को सरकारी संपत्ति नष्ट करने के लिए नहीं भेजा है और किसी भी सदस्य को ऐसा करने का विशेषाधिकार नहीं है।
अध्यक्ष ने साफ चेतावनी दी कि यदि सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुँचाने की कोशिश की गई तो निर्णायक कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा, “अगर आप सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुँचाने की कोशिश करेंगे, तो मुझे कुछ निर्णायक कदम उठाने होंगे और देश की जनता आपको देखेगी। कई विधानसभाओं में ऐसी घटनाओं पर कार्रवाई की गई है। मैं आपको फिर से चेतावनी देता हूँ।”
लोकसभा की कार्यवाही बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) समेत कुछ मुद्दों पर विपक्षी सदस्यों के शोर-शराबे के कारण एक बार स्थगित करने के बाद दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।
कार्यवाही पुनः शुरू होने पर पीठासीन सभापति संध्या राय ने आवश्यक कागजात प्रस्तुत कराए। इसी दौरान विपक्षी सांसद एसआईआर के मुद्दे पर नारेबाजी करने लगे। हंगामे के बीच वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने जन विश्वास (उपबंधों का संशोधन) विधेयक, 2025 पेश किया, जिसे बाद में प्रवर समिति को भेजने का प्रस्ताव मंजूर कर लिया गया। इसी दौरान शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने भारतीय प्रबंध संस्थान (संशोधन) विधेयक, 2025 भी पेश किया।
शोर-शराबे के बीच संध्या राय ने सदस्यों से शून्यकाल चलने देने की अपील की। जब हंगामा जारी रहा तो उन्होंने कार्यवाही कुछ ही देर बाद दोपहर दो बजे तक स्थगित कर दी।