हंगामे के बीच लोकसभा में जन विश्वास विधेयक पेश, प्रवर समिति को सौंपा गया
लोकसभा में सोमवार को विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बीच वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने जन विश्वास (प्रावधानों में संशोधन) विधेयक, 2025 पेश किया। विधेयक का उद्देश्य जीवन और कारोबार की सुगमता के लिए विश्वास आधारित शासन को बढ़ावा देना है। इसमें कुछ अपराधों को अपराध की श्रेणी से बाहर रखने और तर्कसंगत बनाने के लिए संबंधित कानूनों में संशोधन का प्रावधान है।
सभापति पद पर आसीन भाजपा सांसद संध्या रे ने संसदीय पत्रों को सदन के पटल पर रखने और जन विश्वास (प्रावधानों में संशोधन) विधेयक तथा भारतीय प्रबंधन संस्थान (संशोधन) विधेयक को प्रस्तुत करने की अनुमति दी। इसके बाद गोयल ने विधेयक को लोकसभा की प्रवर समिति को भेजने का प्रस्ताव रखा, जिसे ध्वनिमत से पारित कर दिया गया। समिति संसद के शीतकालीन सत्र के प्रथम दिन अपनी रिपोर्ट सौंपेगी।
इससे पहले, भारतीय राष्ट्रीय विकास समावेशी गठबंधन (इंडिया) के नेताओं ने संसद परिसर में विरोध प्रदर्शन किया। मल्लिकार्जुन खड़गे, अखिलेश यादव, अभिषेक बनर्जी, कनिमोझी और अन्य सांसदों ने बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) और भाजपा तथा चुनाव आयोग पर 'वोट चोरी' के आरोपों के खिलाफ अपना विरोध जारी रखा। चुनाव आयोग द्वारा रविवार को सफाई दिए जाने और राहुल गांधी से सबूत प्रस्तुत करने के लिए कहने के बावजूद विपक्षी दलों का प्रदर्शन जारी रहा।