दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने आज आम आदमी पार्टी नेता और ग्रेटर कैलाश के पूर्व विधायक सौरभ भारद्वाज के आवास समेत दिल्ली-एनसीआर में 13 ठिकानों पर छापेमारी की। यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग निरोधक अधिनियम, 2002 (PMLA) की धारा 17 के तहत की गई। मामला उस एफआईआर (नं. 37/2025 दिनांक 26 जून 2025) से जुड़ा है जिसे दिल्ली पुलिस की एंटी करप्शन ब्रांच ने दर्ज किया था।
एफआईआर में तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री, निजी ठेकेदारों और अज्ञात सरकारी अधिकारियों पर अस्पतालों और स्वास्थ्य परियोजनाओं में भारी भ्रष्टाचार, अनुचित लागत वृद्धि, अनधिकृत निर्माण और धन के गबन जैसी अनियमितताओं के आरोप लगाए गए थे। ईडी का कहना है कि छापों का उद्देश्य धन के प्रवाह और सार्वजनिक निधि के दुरुपयोग से जुड़े सबूत जुटाना है।
छापेमारी जिन ठिकानों पर हुई उनमें सौरभ भारद्वाज का आवास डी-64, 6वीं मंज़िल, हिमालय हाउस, 23 केजी मार्ग और एक अन्य कार्यालय बीपी-22, वेस्ट पटेल नगर शामिल हैं। साथ ही, निजी ठेकेदारों और संबंधित व्यक्तियों के दफ्तरों व आवासों पर भी कार्रवाई की गई।
आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया है कि यह मामला पूरी तरह झूठा है और उस समय का है जब सौरभ भारद्वाज मंत्री भी नहीं थे। पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने X पर लिखा कि केंद्र की भाजपा सरकार विपक्ष को दबाने के लिए जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है।
वहीं भाजपा नेताओं का कहना है कि भ्रष्टाचार को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यह छापेमारी अब राजनीतिक बहस का हिस्सा बन गई है। एक ओर केंद्र सरकार भ्रष्टाचार पर ‘जीरो टॉलरेंस’ की बात कर रही है, वहीं आम आदमी पार्टी इसे विपक्ष की आवाज दबाने की रणनीति बता रही है। आने वाले दिनों में जांच की दिशा और अदालतों में पेश होने वाले तथ्यों से ही तय होगा कि यह मामला भ्रष्टाचार का खुलासा है या राजनीतिक दमन का उदाहरण।