मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की बैठक में पति की मौजूदगी पर सियासी घमासान
नई दिल्ली। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की एक सरकारी बैठक में उनके पति मनीष गुप्ता की मौजूदगी को लेकर सियासी विवाद खड़ा हो गया है। आम आदमी पार्टी ने इसे संवैधानिक मर्यादाओं का उल्लंघन बताते हुए वेब सीरीज़ ‘फुलेरा पंचायत’ से तुलना की, जबकि भाजपा ने इसे सामान्य प्रक्रिया और सामाजिक कार्यकर्ता की भूमिका करार दिया।
दरअसल, रेखा गुप्ता ने एक्स पर बैठक की तस्वीर साझा की थी, जिसमें मनीष गुप्ता उनके बगल में बैठे नजर आए। इस पर आप नेता सौरभ भारद्वाज ने सवाल उठाते हुए कहा कि दिल्ली सरकार अब फुलेरा पंचायत में तब्दील हो गई है, जहाँ महिला सरपंच की तरह मुख्यमंत्री के पति वास्तविक निर्णयकर्ता की भूमिका में नजर आते हैं। उन्होंने भाजपा पर वंशवाद बढ़ावा देने का आरोप लगाया। आप नेता संजय सिंह ने भी कहा कि दिल्ली में दो मुख्यमंत्री हैं – रेखा गुप्ता और ‘सुपर मुख्यमंत्री’ मनीष गुप्ता।
भाजपा ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि मनीष गुप्ता न सिर्फ मुख्यमंत्री के पति हैं, बल्कि शालीमार बाग क्षेत्र का काम भी देखते हैं। भाजपा नेता हरीश खुराना ने स्पष्ट किया कि बैठक केवल अधिकारियों तक सीमित नहीं थी, बल्कि इसमें निवासियों और प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया। उन्होंने कहा कि मनीष गुप्ता ने एक प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया था और इस तरह उनकी मौजूदगी में कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए।
भाजपा नेता अमित मालवीय ने कहा कि आप को दिल्ली की मुख्यमंत्री पर हमला करने के लिए ठोस मुद्दे तलाशने चाहिए। उन्होंने तुलना करते हुए कहा कि जिस तरह शीला दीक्षित के निर्वाचन क्षेत्र का प्रबंधन उनकी बहन रमा धवन करती थीं और अरविंद केजरीवाल के क्षेत्र का काम उनकी पत्नी सुनीता केजरीवाल देखती रही हैं, उसी तरह रेखा गुप्ता के पति भी प्रबंधन देख रहे थे। मालवीय ने आरोप लगाया कि आप केवल इसलिए मुख्यमंत्री को निशाना बना रही है क्योंकि वह महिला हैं और लगातार अच्छा काम कर रही हैं।