पांच साल बाद सफलतापूर्वक संपन्न हुई कैलाश मानसरोवर यात्रा, श्रद्धालुओं में उत्साह
सिक्किम के नाथू ला दर्रे से कैलाश मानसरोवर यात्रा 48 तीर्थयात्रियों के अंतिम जत्थे की वापसी के साथ सफलतापूर्वक संपन्न हो गई। कोविड-19 महामारी के कारण पांच साल के अंतराल के बाद यह धार्मिक यात्रा भगवान शिव के निवास तक पहुंची, जहां श्रद्धालुओं ने उत्साहपूर्वक अपनी चुनौतीपूर्ण यात्रा पूरी की।
इस बार यात्रा 30 जून से शुरू हुई थी जिसमें 237 श्रद्धालुओं ने भाग लिया। इन्हें 50-50 लोगों की पाँच टीमों में विभाजित किया गया था। रविवार को 48 तीर्थयात्रियों के दसवें जत्थे की वापसी पर सिक्किम पर्यटन विकास निगम ने स्वागत समारोह आयोजित किया। निगम के अध्यक्ष लुकेन्द्र रसैली ने कहा कि अधिकारियों, अर्धसैनिक बलों और अन्य एजेंसियों के सहयोग से यात्रा सुगम और निर्बाध रही।
पिथौरागढ़ के ज़िला मजिस्ट्रेट विनोद गोस्वामी ने बताया कि इस साल लिपुलेख दर्रे से 237 श्रद्धालु यात्रा पर गए जिनमें 171 पुरुष और 66 महिलाएँ थीं। उन्होंने बताया कि पाँच समूहों ने कुमाऊँ मंडल विकास निगम, आईटीबीपी और राज्य सरकार की मदद से यात्रा पूरी की।
पांचवें और अंतिम दल के संपर्क अधिकारी मनु महाराज ने कहा कि श्रद्धालुओं में काफी उत्साह था। चीन में भी उन्हें बेहतर सुविधाएं दी गईं और अधिकारियों का व्यवहार संतोषजनक रहा। उन्होंने उम्मीद जताई कि भविष्य में यात्रियों की संख्या और बढ़ेगी।