अशोका यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद के खिलाफ मुकदमे की कार्यवाही पर सुप्रीम कोर्ट की रोक
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को अशोका यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद के खिलाफ मुकदमे की कार्यवाही पर रोक लगा दी। न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति जॉयमाल्या बागची की पीठ ने हरियाणा पुलिस के विशेष जांच दल को निर्देश दिया कि अगले आदेश तक प्रोफेसर के खिलाफ आरोप तय न किए जाएं।
महमूदाबाद के खिलाफ दो एफआईआर दर्ज की गई थीं, जिनमें से एक में पुलिस ने क्लोजर रिपोर्ट दाखिल कर दी है। हालांकि दूसरे मामले की कार्यवाही अदालत के आदेश से फिलहाल रुकी हुई है। प्रोफेसर को 18 मई को गिरफ्तार किया गया था। उन पर आरोप है कि उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर से संबंधित एक पोस्ट में सरकार के फैसले पर सवाल उठाया था, जिसमें कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह को शामिल किया गया था। इस पोस्ट की भाषा और निहितार्थों को लेकर विवाद खड़ा हुआ।
महमूदाबाद को सुप्रीम कोर्ट ने गिरफ्तारी के तीन दिन बाद जमानत दे दी थी, इस शर्त के साथ कि वह इस मामले या ऑपरेशन सिंदूर पर सार्वजनिक रूप से कुछ नहीं लिखेंगे या बोलेंगे और अपना पासपोर्ट जमा करेंगे। 28 मई को अदालत ने इन शर्तों में ढील देते हुए उन्हें अन्य विषयों पर अपनी राय व्यक्त करने की अनुमति दी।
महमूदाबाद पर भारतीय न्याय संहिता की कई धाराओं के तहत आरोप हैं, जिनमें धारा 152 (भारत की संप्रभुता या एकता को खतरे में डालने वाले कृत्य), धारा 353 (सार्वजनिक शरारत के लिए उकसाने वाले बयान), धारा 79 (महिला की गरिमा का अपमान करने का कृत्य) और धारा 196(1) (धर्म के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना) शामिल हैं।