प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और मंत्रियों पर जेल की सज़ा तो छिन जाएगी कुर्सी: अमित शाह ने पेश किया 130वां संविधान संशोधन विधेयक
गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को संसद में 130वां संविधान संशोधन विधेयक पेश किया, जिसके तहत प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्रियों और मंत्रियों को यदि गंभीर अपराधों में 30 दिनों से ज़्यादा की जेल की सज़ा होती है तो उन्हें पद से हटाया जा सकेगा। शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वयं इस प्रावधान में प्रधानमंत्री पद को शामिल करने पर ज़ोर दिया।
उन्होंने कहा कि पहले इंदिरा गांधी 39वां संशोधन लाकर राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और लोकसभा अध्यक्ष को न्यायिक समीक्षा से बचाने का काम कर चुकी थीं, जबकि नरेंद्र मोदी ने अपने खिलाफ ही संवैधानिक संशोधन लाया है कि अगर प्रधानमंत्री जेल जाते हैं तो उन्हें इस्तीफा देना होगा।
शाह ने कहा, ‘‘आज देश में एनडीए के मुख्यमंत्रियों की संख्या ज़्यादा है और प्रधानमंत्री भी एनडीए से हैं। इसलिए यह विधेयक केवल विपक्ष के लिए सवाल नहीं खड़ा करता बल्कि हमारे नेताओं पर भी लागू होता है। इसमें 30 दिनों की ज़मानत का प्रावधान है।’’
विधेयक पेश किए जाने पर लोकसभा में विपक्ष ने जोरदार विरोध किया और इसे ‘‘असंवैधानिक’’ करार दिया। विपक्ष का आरोप था कि यह सत्तारूढ़ भाजपा का तरीका है ताकि केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग कर गैर-भाजपा मुख्यमंत्रियों को फंसाया जा सके, उन्हें जेल में डालकर राज्य सरकारों को अस्थिर किया जा सके।
अमित शाह ने विपक्ष से सवाल किया कि क्या संवैधानिक पदों पर बैठे व्यक्तियों का जेल से शासन करना उचित है। उन्होंने कहा कि यह संशोधन लोकतंत्र को और अधिक जवाबदेह और पारदर्शी बनाने की दिशा में अहम कदम है।