जेल से सरकार चलाने का दौर खत्म होना चाहिए: मोदी
बिहार के गया में एक रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अगर किसी सरकारी कर्मचारी को 50 घंटे की जेल हो जाती है, तो उसे नौकरी से निलंबित कर दिया जाता है। उन्होंने सवाल उठाया कि यही नियम प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या मंत्रियों पर क्यों लागू नहीं होना चाहिए।
मोदी ने संसद में हाल ही में पेश किए गए संविधान संशोधन विधेयक का बचाव किया। उन्होंने कहा कि यह कानून केंद्र को जेल में बंद किसी भी मंत्री को बर्खास्त करने का अधिकार देता है। मोदी ने कहा कि सरकारी कर्मचारी चाहे ड्राइवर हो, क्लर्क हो या चपरासी, 50 घंटे की जेल मिलते ही नौकरी से बाहर हो जाता है, लेकिन मुख्यमंत्री, मंत्री या प्रधानमंत्री जेल से भी सरकार में बने रह सकते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि हाल ही में जेल से फाइलों पर हस्ताक्षर और सरकारी आदेश दिए जाने की घटनाएं देखी गईं।
मोदी ने कहा कि एनडीए सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ कानून लेकर आई है और इसके दायरे में प्रधानमंत्री भी शामिल हैं। नए कानून के तहत मुख्यमंत्री और मंत्री भी आएंगे। अगर कोई मुख्यमंत्री, मंत्री या प्रधानमंत्री गिरफ्तार होता है, तो उसे 30 दिन के भीतर जमानत लेनी होगी और अगर जमानत नहीं मिली तो 31वें दिन उसे पद छोड़ना होगा।
मोदी ने कहा कि राजद, कांग्रेस और वामपंथी दल इस कानून का विरोध कर रहे हैं क्योंकि उन्हें डर है कि जेल जाने पर उनके सपने चकनाचूर हो जाएंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस और राजद की सरकारों ने जनता के पैसों का मोल कभी नहीं समझा और उनके लिए यह सिर्फ अपनी तिजोरी भरने का जरिया रहा। मोदी ने कहा कि इतने वर्षों में उनकी सरकार पर भ्रष्टाचार का एक भी दाग नहीं लगा, जबकि कांग्रेस के भ्रष्टाचारों की लंबी सूची है और आरजेडी का भ्रष्टाचार तो बिहार का बच्चा-बच्चा जानता है।
उन्होंने कहा कि अगर भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई को अंजाम तक पहुंचाना है तो किसी को भी कार्रवाई से बाहर नहीं रखा जा सकता।