तमिलनाडु सरकार पर पीएम आवास योजना के तहत घर न देने का आरोप, शिवराज सिंह चौहान ने लोकसभा में उठाया मुद्दा
केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को लोकसभा में आरोप लगाया कि तमिलनाडु सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत केंद्र से बजट मिलने के बावजूद गरीबों को घर उपलब्ध नहीं कराए। उन्होंने कहा कि यह गरीब लोगों के साथ अन्याय है और सरकार ने अब तक 5 लाख से ज्यादा घर नहीं दिए हैं।
आंध्र प्रदेश से टीडीपी सांसद लवू श्री कृष्ण देवरायलु द्वारा पूछे गए प्रश्न का उत्तर देते हुए शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने तमिलनाडु में गरीब लोगों के लिए घर बनाने के लिए बजट आवंटित किया है। लेकिन एक साल से भी ज्यादा समय से 2 लाख 15 हजार से ज्यादा लोगों को घर नहीं दिए गए हैं।
शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि करीब 3 लाख 10 हजार घरों का निर्माण भी अधूरा है, जबकि इसके लिए पैसा दिया जा चुका है। उन्होंने कहा कि 608 करोड़ रुपये तमिलनाडु सरकार के खाते में पड़े हैं, लेकिन उनका उपयोग नहीं किया गया और घरों का निर्माण नहीं हो रहा है।
विपक्षी दलों के विरोध और नारेबाजी के बीच टीडीपी सांसद लवू श्री कृष्ण देवरायलु ने केंद्रीय मंत्री से पूछा कि तमिलनाडु में पीएम आवास योजना के तहत कितने घरों को मंजूरी दी गई है, कितना बजट आवंटित हुआ है और क्या नए घरों की पहचान के लिए कोई सर्वेक्षण किया गया है।
जवाब में शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि पीएम आवास ग्रामीण एक बड़ी सफलता है, जिससे गरीबों को घर मिले हैं, ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजित हुआ है और अर्थव्यवस्था को मजबूती मिली है। उन्होंने कहा कि “हमने लोगों के घरों के लिए पैसा दिया है, लेकिन तमिलनाडु सरकार घर स्वीकार नहीं कर रही है। यह अन्याय है और गरीब लोगों के साथ विश्वासघात किया गया है।