जयराम रमेश का चुनाव आयोग पर हमला, वेणुगोपाल ने बिहार में मतदाता सूची पर जताई चिंता
कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने शुक्रवार को भारतीय चुनाव आयोग पर तीखा हमला बोला और बड़े पैमाने पर मतदाताओं के दमन का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग केंद्र सरकार के दबाव में काम कर रहा है और दलितों तथा ओबीसी को निशाना बनाकर विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) अभियान के जरिए जानबूझकर मतदाताओं के नाम हटाए जा रहे हैं। रमेश ने कहा कि जब देश में लोकतंत्र और संविधान ही नहीं है, तो शून्यकाल और प्रश्नकाल का क्या मतलब रह जाता है। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने चुनाव आयोग को यह प्रक्रिया अपनाने के लिए कहा है क्योंकि वे जानते हैं कि दलित और पिछड़े वर्ग भाजपा को नहीं, बल्कि इंडिया गठबंधन को वोट देंगे। उन्होंने चुनाव आयोग को “चुराओ आयोग” करार दिया।
उन्होंने कहा कि जब 21 जुलाई को अध्यक्ष ने फैसला सुनाया तो उन्होंने जगदीप धनखड़ का इस्तीफा क्यों मांगा? यह क्या संदेश था? रमेश ने आरोप लगाया कि लोकतंत्र की हत्या हो रही है, भारत का चुनाव आयोग “वोट चोरी” पर कोई जवाब नहीं दे रहा और मुख्य चुनाव आयुक्त लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को धमका रहे हैं।
इसी बीच, कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने बिहार में मतदाता सूची से जुड़े मुद्दों पर चिंता जताई और कहा कि सुप्रीम कोर्ट से न्याय की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि बिहार में राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की यात्रा के दौरान लोगों ने ठोस सबूत दिए हैं कि वास्तविक मतदाताओं के नाम सूची से हटाए जा रहे हैं। वेणुगोपाल ने कहा कि बिहार में एसआईआर से जुड़े वास्तविक मुद्दे हैं और सुप्रीम कोर्ट इस पर न्याय करेगा।
वहीं, मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने 17 अगस्त को राष्ट्रीय राजधानी में प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी द्वारा लगाए गए हालिया “वोट चोरी” के आरोपों को खारिज कर दिया।