सीजेआई गवई बोले- बिना कानूनी प्रक्रिया घर तोड़ना अस्वीकार्य, नागरिकों के अधिकार सुरक्षित रखना हमारी जिम्मेदारी
प्रधान न्यायाधीश बी आर गवई ने कहा है कि उन्हें खुशी है कि उच्चतम न्यायालय के उस फैसले ने नागरिकों के अधिकारों की रक्षा की, जिसमें बिना कानूनी प्रक्रिया के घरों को ध्वस्त करने पर रोक लगाई गई थी। वह उस पीठ का हिस्सा थे जिसने पिछले साल ‘बुलडोजर न्याय’ की आलोचना करते हुए स्पष्ट किया था कि कार्यपालिका न्यायाधीश नहीं बन सकती और किसी आरोपी को दोषी ठहराकर उसका घर नहीं गिरा सकती।
शनिवार को पणजी में गोवा उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन द्वारा आयोजित एक समारोह को संबोधित करते हुए प्रधान न्यायाधीश ने कहा, ‘‘मुझे वास्तव में खुशी है कि संविधान के संरक्षक के रूप में हम उन नागरिकों के अधिकारों की रक्षा कर सके जिनके घर कानूनी प्रक्रियाओं का पालन किए बिना ध्वस्त कर दिए गए।’’
इस दौरान उन्होंने आरक्षित वर्ग में ‘क्रीमी लेयर’ को लेकर दिए गए अपने ऐतिहासिक फैसले के पीछे का तर्क भी समझाया और कहा कि न्यायपालिका का दायित्व है कि वह न केवल कानून बल्कि संविधान की मूल भावना की रक्षा करे।