अज़रबैजान से प्रत्यर्पित गैंगस्टर मयंक सिंह, झारखंड पुलिस की बड़ी कामयाबी
झारखंड पुलिस के आतंकवाद निरोधी दस्ते (एटीएस) ने शनिवार को गैंगस्टर मयंक सिंह उर्फ़ सुनील मीणा को अज़रबैजान की राजधानी बाकू से प्रत्यर्पित कर लिया। सिंह के खिलाफ झारखंड, राजस्थान, पंजाब और अन्य राज्यों में 50 से अधिक मामले दर्ज हैं। अब उसे रामगढ़ कोर्ट में पेश किया जाएगा, जहाँ पुलिस उसकी रिमांड की मांग करेगी।
एटीएस एसपी ऋषव कुमार झा ने कहा कि हमने उसे बाकू से प्रत्यर्पित किया है। झारखंड पुलिस के इतिहास में यह पहला सफल प्रत्यर्पण है और हमें उम्मीद है कि देश से बाहर रह रहे बाकी अपराधियों को भी जल्द ही प्रत्यर्पित या निर्वासित कर दिया जाएगा।
गैंगस्टर मयंक सिंह के खिलाफ 50 से ज़्यादा मामले दर्ज हैं। इसी वजह से वह भारत से भाग गया, लेकिन विदेश से ही व्यापारियों को धमकाने और जबरन वसूली का धंधा करता रहा। इसी कारण वह इंटरपोल की नज़र में आया और उसके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी हुआ। अक्टूबर 2024 में उसे अज़रबैजान के दातू में गिरफ्तार किया गया।
गौरतलब है कि वह अज़रबैजान से प्रत्यर्पित होने वाला पहला गैंगस्टर नहीं है। 2024 में संजीव कुमार उर्फ़ हर्ष को भी बाकू से प्रत्यर्पित किया गया था।
झारखंड पुलिस का मानना है कि मयंक सिंह के गैंगस्टर अमन साहू से घनिष्ठ संबंध रहे हैं और उसने लॉरेंस बिश्नोई गिरोह से भी संपर्क बनाए रखा था। इन रिश्तों के चलते अंतर-राज्यीय अपराधी गतिविधियों में समन्वय आसान हुआ। 2024 में झारखंड पुलिस ने साहू गैंग के चार शूटरों को गिरफ्तार किया था, जो सिंह के निर्देश पर बिश्नोई और साहू गिरोहों के अभियानों को कोडनेम के जरिए अंजाम दे रहे थे।