अमेरिका ने भारत पर 25% अतिरिक्त टैरिफ लगाया, मोदी बोले- दबाव झेल लेंगे, स्वदेशी पर जोर
नई दिल्ली। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क लगाने वाले कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। इसके लागू होने के बाद भारतीय निर्यात पर कुल दंडात्मक शुल्क 50 प्रतिशत तक पहुंच गया। यह कदम भारत द्वारा रूसी तेल की खरीद से पीछे हटने से इनकार करने के बाद उठाया गया। नया टैरिफ 27 अगस्त से प्रभावी होगा।
ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) के मुताबिक, अमेरिकी टैरिफ से 60.2 अरब डॉलर मूल्य के भारतीय निर्यात पर असर पड़ सकता है। कपड़ा, रत्न, आभूषण, झींगा, कालीन और फर्नीचर जैसे श्रम-प्रधान क्षेत्रों में 70% तक गिरावट की आशंका है, जिससे लाखों श्रमिक प्रभावित होंगे। यह शुल्क भारत के अमेरिका को होने वाले कुल निर्यात के 66 प्रतिशत हिस्से को कवर करता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अहमदाबाद में कार्यक्रम के दौरान कहा कि भारत किसानों, छोटे उद्योगों और घरेलू उत्पादकों के हितों से समझौता नहीं करेगा। उन्होंने नागरिकों से स्वदेशी वस्तुओं को प्राथमिकता देने का आग्रह करते हुए कहा, "हम पर दबाव बढ़ सकता है, लेकिन हम इसे सहन करेंगे।" मोदी ने विदेशी निवेश से भारत में बनने वाले उत्पादों को भी स्वदेशी बताया।
अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने टैरिफ को रूस के खिलाफ "आक्रामक आर्थिक दबाव" करार दिया। उन्होंने कहा कि यदि प्रगति दिखेगी तो अमेरिका इस दबाव को कम भी कर सकता है। वहीं, विदेश मंत्रालय ने टैरिफ को "अनुचित और अविवेकपूर्ण" बताया और कहा कि भारत अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा के लिए सभी कदम उठाएगा।
मूडीज़ एनालिटिक्स और अन्य संस्थानों ने चेतावनी दी है कि बढ़े हुए टैरिफ से निर्यात मांग घटेगी और प्रतिस्पर्धी देशों—चीन, वियतनाम, मेक्सिको और बांग्लादेश—को अमेरिकी बाजार में फायदा मिलेगा। हालांकि दवा, स्मार्टफोन और स्टील जैसे क्षेत्रों के अपेक्षाकृत कम प्रभावित होने की उम्मीद है।