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विभाजन की पीड़ा को समझना जरूरी – संगोष्ठी में अतिथियों ने रखे विचार

:: Editor - Omprakash Najwani :: 15-Aug-2025
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भोपाल। भारत विभाजन की विभीषिका भारतीय आजादी का एक ऐसा बदरंग पन्ना है, जिसकी पीड़ा को देशवासी कभी नहीं भूल पाएंगे। यह लम्हों की नहीं, सदियों की खता थी, जिसकी टीस आज भी दिलों में बरकरार है। इस आशय के विचार दो दिवसीय आजादी के पर्व, विभाजन की विभीषिका स्मृति दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में अतिथियों ने व्यक्त किये।

कार्यक्रम के आरंभ में भारतीय जनसंचार संस्थान (आईआईएमसी) के पूर्व महानिदेशक और माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय के प्रोफेसर संजय द्विवेदी और जनसंपर्क विभाग के पूर्व संचालक लाजपत आहूजा ने मुख्य रूप से अपने उद्गार व्यक्त किये। आहूजा ने कहा कि विभाजन की पीड़ा का दर्द उनके परिवार ने सहा है, अतः इस वेदना को वह करीब से जानते हैं।

प्रोफेसर संजय द्विवेदी ने कहा कि 1947 में बंटवारे के बाद भी हम रक्तपात रोक नहीं पाए। इसलिए भारत विभाजन की पीड़ा को समझना जरूरी है, ताकि ऐसी घटनाएं दुहराई न जाएं। हमें अपने इतिहास की पूरी समझ होनी चाहिए, जिससे हम जान सकें कि हम किन रास्तों से होते हुए वर्तमान तक पहुंचे हैं और भविष्य में हमें कहां जाना है। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम के दौरान भी हमारे बीच मतभेद मौजूद थे, जिन्हें अंग्रेजों ने इस्तेमाल किया। हमें अपनी कमियों को देखना होगा और जिम्मेदारियां निभानी होंगी। सतर्क होते तो बंटवारा नहीं होता। बंटवारे के बावजूद देश को सांप्रदायिक दंगों के रूप में रक्तपात देखना पड़ा। भारत बोध और राष्ट्रीय भावनाओं से भरे युवा ही देश की एकता और अखंडता को सुरक्षित रख सकते हैं।

लाजपत आहूजा ने कहा कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस की घोषणा करके इस त्रासदी के पीड़ितों को अपना दर्द दूसरों के साथ बांटने का अवसर दिया है। बंटवारे के दौरान हुए घटनाक्रम से आने वाली पीढ़ियां सबक ले सकती हैं। उन्होंने कहा कि अपने ही देश के लोगों को बंटवारे के बाद शरणार्थी कहा गया। आहूजा ने विभाजन के दौरान हुए अत्याचारों, खासतौर से महिलाओं और युवतियों के साथ हुई दुष्कर्म की घटनाओं का उल्लेख किया और कहा कि किसी त्रासदी के पीड़ितों को न्याय नहीं मिल पाया।

पत्र सूचना कार्यालय एवं केंद्रीय सूचना ब्यूरो के अपर महानिदेशक प्रशांत पाठराबे ने स्वतंत्रता संग्राम और विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के महत्व पर प्रकाश डाला और बताया कि इस अवसर पर केंद्रीय संचार ब्यूरो द्वारा मध्य प्रदेश के कई जिलों में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं।

कार्यक्रम को शासकीय महारानी लक्ष्मीबाई कन्या महाविद्यालय के प्राचार्य अजय अग्रवाल, पत्र सूचना कार्यालय के निदेशक मनीष गौतम और केंद्रीय सूचना संचार ब्यूरो के उपनिदेशक शारिक नूर ने भी संबोधित किया। संचालन सहायक निदेशक पराग मांदले ने किया। इस मौके पर सहायक निदेशक करिश्मा पंत, अजय उपाध्याय, समीर वर्मा सहित कई गणमान्य नागरिक और बड़ी संख्या में छात्राएं मौजूद थीं।


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