कोलकाता में भारी बारिश के बाद जनजीवन पटरी पर लाने की कोशिश, जलभराव और मौतों का सिलसिला जारी
कोलकाता में मंगलवार की मूसलाधार बारिश के बाद बुधवार को जनजीवन पटरी पर लाने का प्रयास किया जा रहा है। सॉल्ट लेक और शहर के उत्तरी व मध्य भाग के कई हिस्सों में अभी भी जलभराव है। एक दिन पहले हुई इस बारिश में 10 लोगों की मौत हो गई थी और सामान्य जीवन ठप हो गया था।
1 से 22 सितंबर के बीच शहर में 178.6 मिमी बारिश हुई, जो इस अवधि के सामान्य 213.7 मिमी से 16 प्रतिशत कम है। हालांकि, केवल 24 घंटों में 247.4 मिमी बारिश दर्ज की गई, जिसमें अधिकांश पानी रात के कुछ घंटों में ही गिरा। भारतीय मौसम विभाग ने बताया कि अगले 24 घंटों में भारी बारिश की संभावना नहीं है, लेकिन अधिकतर स्थानों पर बादल छाए रह सकते हैं और कुछ इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश एवं तेज हवाओं का अनुमान है।
बिधाननगर के निचले इलाकों से रात भर पानी निकाला गया, लेकिन कई क्षेत्रों में वाहन धीमी गति से चल रहे हैं और पैदल यात्री जलमग्न गलियों से होकर गुजरने को मजबूर हैं। दुर्घटनाओं से बचने के लिए नगर निगम ने मंगलवार को स्ट्रीट लाइट्स बंद रखीं।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने खराब मौसम के कारण दुर्गा पूजा पंडाल उद्घाटन कार्यक्रम स्थगित कर दिए थे। वह बुधवार को पंडालों का दौरा करने के साथ ही कालीघाट में नवनिर्मित अग्निशमन केंद्र का उद्घाटन कर सकती हैं। प्रशासन त्योहारों से पहले सामान्य जीवन बहाल करने में जुटा हुआ है और कोलकाता व आसपास के जिलों पर लगातार नजर रखी जा रही है।
मूसलाधार बारिश में कम से कम 10 लोगों की मौत हुई, जिनमें से नौ करंट लगने से मरे। यह चार दशकों में शहर की सबसे भारी बारिश थी। इससे हवाई, रेल और सड़क परिवहन ठप हो गया, शैक्षणिक संस्थान बंद हुए और सरकार को दुर्गा पूजा की छुट्टियां समय से पहले घोषित करनी पड़ीं। 24 घंटों में 251.4 मिमी बारिश 1986 के बाद सबसे अधिक थी और पिछले 137 वर्षों में एक दिन में हुई छठी सबसे अधिक वर्षा रही
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