राहुल गांधी ने लद्दाख हिंसा पर केंद्र से बातचीत और निष्पक्ष जांच की माँग की
कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने केंद्र सरकार से लद्दाख के लोगों से बातचीत करने और "हिंसा व भय की राजनीति" बंद करने का आग्रह किया। उन्होंने लेह में हालिया हिंसा में चार मौतों, विशेषकर एक सैनिक के बेटे की हत्या की निष्पक्ष न्यायिक जाँच और दोषियों को कड़ी सज़ा देने की माँग की।
राहुल गांधी ने कहा कि गोली लगने से मारे गए लोगों में से एक सैनिक परिवार का था। उन्होंने कहा, "पिता सैनिक, बेटा भी सैनिक - जिनके खून में देशभक्ति दौड़ती है। फिर भी भाजपा सरकार ने देश के वीर सपूत की सिर्फ़ इसलिए गोली मारकर जान ले ली, क्योंकि वह लद्दाख और उसके अधिकारों के लिए खड़ा था। पिता की दर्द भरी आँखें बस एक ही सवाल पूछ रही हैं - क्या आज देश सेवा का यही इनाम है?"
उन्होंने लद्दाख में हुई हत्याओं की निष्पक्ष न्यायिक जाँच की माँग को आगे बढ़ाते हुए कहा कि दोषियों को कड़ी से कड़ी सज़ा मिले। राहुल गांधी ने केंद्र पर आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने लद्दाख के लोगों के साथ विश्वासघात किया। उन्होंने जोर देकर कहा कि लद्दाख के लोग अपने अधिकारों की माँग कर रहे हैं और बातचीत कर रहे हैं, इसलिए हिंसा और भय की राजनीति बंद होनी चाहिए।
इससे पहले, 24 सितंबर को लेह में विरोध प्रदर्शनों के दौरान हिंसा भड़क उठी थी, जब स्थानीय भाजपा कार्यालय में आग लगा दी गई थी। इस झड़प में चार लोगों की मौत हुई। दो दिन बाद, जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत हिरासत में लिया गया था। लद्दाख के लोग केंद्र शासित प्रदेश को संविधान की अनुसूची VI में शामिल करने की मांग कर रहे हैं, जिसमें अनुच्छेद 244(2) और 275(1) के तहत जनजातीय क्षेत्रों के प्रशासन संबंधी प्रावधान शामिल हैं।
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