दागी बाबा का काला सच: छात्राओं को फंसाने के चौंकाने वाले खुलासे
दिल्ली स्थित श्री शारदा भारतीय प्रबंधन अनुसंधान संस्थान (SIIMR) की एक पूर्व छात्रा ने छेड़छाड़ के आरोपी स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती उर्फ पार्थसारथी के कारनामों का पर्दाफाश किया है। पूर्व छात्रा ने बताया कि 62 वर्षीय स्वामी छात्राओं को विदेश यात्रा, आईफोन, ड्राइवर वाली कार और बेहतर प्लेसमेंट का लालच देकर फंसाता था।
2016 में छेड़छाड़ का मामला दर्ज कराने वाली छात्रा ने कहा कि स्वामी की "गिद्ध जैसी नज़रें" उस पर थीं। उसने आरोप लगाया कि स्वामी उसे "बेबी" और "स्वीट गर्ल" कहकर बुलाता और अश्लील संदेश भेजता था। शाम को कक्षाओं के बाद उसे ऑफिस में बुलाकर परेशान किया जाता था।
पूर्व छात्रा के अनुसार, जैसे ही नए छात्र कॉलेज में प्रवेश लेते, स्वामी उनकी पहचान करता और फिर महिला कर्मचारियों की मदद से उन्हें ऑफिस या कमरे में बुलवाता। चौंकाने वाली बात यह है कि इन कर्मचारियों में कुछ पूर्व छात्राएँ थीं, जिन्हें पहले इसी तरह समझौते पर मजबूर किया गया था और बाद में वे स्टाफ बन गईं।
छात्रा ने दावा किया कि जो स्वामी के प्रस्ताव मान लेते, उन्हें विदेश यात्राएँ और उपहार दिए जाते, लेकिन इनकार करने वालों की ज़िंदगी मुश्किल बना दी जाती। उन्हें चौबीसों घंटे निगरानी में रखा जाता और कभी-कभी कॉलेज छोड़ने तक पर मजबूर किया जाता।
संस्थान छात्रों के सभी मूल दस्तावेज अपने पास रखता था ताकि विरोध करने वालों पर दबाव बनाया जा सके। कैंपस और छात्रावास में 170 से अधिक सीसीटीवी कैमरे लगे थे, जिन पर स्वामी की सीधी नज़र रहती थी।
पूर्व छात्रा ने यह भी आरोप लगाया कि स्वामी की एम.फिल की डिग्री और राजनेताओं के साथ लगी तस्वीरें नकली थीं, जिन्हें वह खुद की प्रिंटिंग प्रेस से बनवाता था। पुलिस ने उसके पास से नकली संयुक्त राष्ट्र नंबर प्लेट भी बरामद की थी।
पूर्व छात्रा ने कहा कि चैतन्यानंद सरस्वती के खिलाफ लगे हर आरोप सही हैं और उसकी करतूतों से छात्रों और उनके परिवारों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है।
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