वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार की संदिग्ध मौत, भ्रष्टाचार प्रकरण से जुड़ रहा मामला
चंडीगढ़। हरियाणा कैडर के वरिष्ठ भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारी और अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी) वाई पूरन कुमार की आकस्मिक मृत्यु ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। 52 वर्षीय 2001 बैच के अधिकारी कुमार ने मंगलवार को चंडीगढ़ स्थित अपने घर में कथित रूप से खुद को गोली मार ली। उनका शव घर के बेसमेंट के एक कमरे में गोली लगने के निशान के साथ मिला।
कुमार अधिकारियों के अधिकारों, वरिष्ठता और अन्य मामलों में अपने हस्तक्षेप के लिए जाने जाते थे। हाल ही में उनका तबादला रोहतक रेंज के आईजी पद से सुनारिया स्थित पुलिस प्रशिक्षण केंद्र (पीटीसी) में महानिरीक्षक के पद पर किया गया था। पुलिस विभाग में उनके इस तबादले को एक तरह की सज़ा के रूप में देखा जा रहा था।
सूत्रों के अनुसार, पूरन कुमार के गनमैन हेड कांस्टेबल सुशील कुमार के खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया गया था। पुलिस हिरासत में सुशील कुमार ने स्वीकार किया कि उसने आईपीएस अधिकारी के कहने पर एक शराब कारोबारी से मासिक रिश्वत मांगी थी। दो दिन पहले रोहतक के अर्बन एस्टेट थाने में सुशील कुमार के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। ऑडियो क्लिप सामने आने के बाद सुशील को गिरफ्तार किया गया था।
29 सितंबर को सरकार ने पूरन कुमार को रोहतक रेंज के आईजी पद से हटाकर सुनारिया स्थित पीटीसी में भेजा था। चंडीगढ़ पुलिस ने बताया कि घटनास्थल से अन्य साक्ष्यों के साथ एक वसीयत और अंतिम नोट भी बरामद किया गया है। सूत्रों के अनुसार, यह नोट नौ पृष्ठों का है और जांच एजेंसियां इसके आधार पर आगे की कार्रवाई में जुटी हैं।
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