नई दिल्ली, 10 अक्टूबर। भारतीय पायलट महासंघ (FIP) ने नागरिक उड्डयन मंत्रालय को पत्र लिखकर एयर इंडिया के बोइंग 787 ड्रीमलाइनर बेड़े को तत्काल उड़ान से रोकने की मांग की है। यह मांग एक सप्ताह के भीतर दो गंभीर तकनीकी घटनाओं के बाद की गई है। संगठन ने कहा कि नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) को विमान की विद्युत प्रणालियों का विशेष ऑडिट और विस्तृत निरीक्षण करना चाहिए।
4 अक्टूबर को अमृतसर से बर्मिंघम जा रही एयर इंडिया की उड़ान (AI117) को उड़ान के दौरान आपात स्थिति का सामना करना पड़ा, जब उतरते समय उसका रैम एयर टर्बाइन (RAT) तैनात हो गया और विमान को असामान्य परिस्थितियों में उतरना पड़ा। इसके कुछ दिनों बाद, 9 अक्टूबर को वियना से दिल्ली जा रही उड़ान AI154 को दुबई डायवर्ट कर दिया गया, क्योंकि चालक दल ने बीच हवा में बड़ी तकनीकी खराबी की सूचना दी थी। दोनों उड़ानें बोइंग 787 ड्रीमलाइनर से संचालित की जा रही थीं, जिससे विमान की विश्वसनीयता पर नए सिरे से सवाल उठे हैं।
एफआईपी ने एयर इंडिया के ड्रीमलाइनर बेड़े में लगातार विद्युत समस्याओं का हवाला देते हुए चिंता व्यक्त की कि ये खराबी उड़ान सुरक्षा के लिए गंभीर ख़तरा बन रही हैं। संगठन ने बताया कि हालिया घटनाओं में ऑटोपायलट की खराबी, उड़ान नियंत्रण प्रणालियों में खराबी और इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम की खराबी शामिल हैं।
पायलटों के संगठन ने कहा कि बार-बार होने वाली ये तकनीकी दिक्कतें प्रणालीगत खामियों की ओर इशारा करती हैं, जिनकी व्यापक तकनीकी समीक्षा आवश्यक है। एफआईपी ने सभी ड्रीमलाइनरों को अस्थायी रूप से तब तक उड़ान भरने से रोकने का आह्वान किया है, जब तक कि प्रत्येक विमान का सुरक्षा मानकों के अनुपालन की पुष्टि के लिए गहन निरीक्षण न हो जाए।
पत्र में 12 जून को अहमदाबाद में एयर इंडिया की उड़ान संख्या AI171 के दुर्घटनाग्रस्त होने सहित पिछली घटनाओं का भी उल्लेख किया गया है, ताकि कड़े निवारक उपायों और सख्त नियमों की आवश्यकता पर ज़ोर दिया जा सके। एफआईपी ने सरकार से मांग की है कि वह डीजीसीए को एयर इंडिया की रखरखाव प्रक्रियाओं और बोइंग 787 विमानों की तकनीकी निगरानी का तत्काल ऑडिट करने का निर्देश दे।