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भारत में अपराध के मामलों में 7.2% की वृद्धि, एनसीआरबी रिपोर्ट ने जताई चिंता

:: Editor - Omprakash Najwani :: 30-Sep-2025
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नई दिल्ली। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की 2023 की रिपोर्ट के अनुसार भारत में आपराधिक मामलों में 7.2 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। रिपोर्ट बताती है कि 2023 में कुल 62,41,569 संज्ञेय मामले दर्ज हुए, जबकि 2022 में यह संख्या 58,24,946 थी। इसमें 4,16,623 मामलों की बढ़ोतरी हुई है। इनमें भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के तहत 37,63,102 मामले और विशेष एवं स्थानीय कानूनों (एसएलएल) के तहत 24,78,467 मामले शामिल हैं।

रिपोर्ट के अनुसार प्रति लाख जनसंख्या पर अपराध दर 2022 के 422.2 से बढ़कर 2023 में 448.3 हो गई। कुल मामलों में आईपीसी अपराधों का हिस्सा 60.3 प्रतिशत और एसएलएल अपराधों का हिस्सा 39.7 प्रतिशत रहा। आईपीसी मामलों में 5.7 प्रतिशत और एसएलएल मामलों में 9.5 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।

सार्वजनिक मार्ग में बाधा डालने के मामलों (आईपीसी धारा 283) में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई, जो 2022 के 93,548 मामलों से बढ़कर 2023 में 1,51,469 हो गए। चोरी के मामलों में भी इजाफा हुआ और यह 2022 के 6,52,731 से बढ़कर 2023 में 6,89,580 पर पहुँच गए।

एसएलएल अपराधों में सबसे बड़ी बढ़ोतरी मोटर वाहन अधिनियम उल्लंघन के तहत दर्ज हुई, जो 2022 के 94,450 मामलों से लगभग दोगुनी होकर 2023 में 1,91,828 हो गई।

पुलिस ने 2023 में 53,61,518 आईपीसी मामलों की जांच की, जिनमें से 37,85,839 का निपटारा किया गया। इनमें 27,53,235 मामलों में आरोप-पत्र दाखिल किए गए, जिससे आरोप-पत्र दर 72.7 प्रतिशत रही।

रिपोर्ट के मुताबिक 2023 में मानव शरीर, महिलाओं, बच्चों और कमजोर वर्गों के खिलाफ अपराधों में चिंताजनक वृद्धि हुई है। मानव शरीर को प्रभावित करने वाले अपराधों के 11.85 लाख मामले दर्ज किए गए, जो कुल आईपीसी अपराधों का 31.5 प्रतिशत हैं। इनमें चोट पहुँचाने के मामले 6.36 लाख (53.7 प्रतिशत), लापरवाही से हुई मौतें 1.65 लाख (14 प्रतिशत) और अपहरण 1.13 लाख (9.6 प्रतिशत) शामिल हैं। इन अपराधों में 2022 की तुलना में 2.3 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई और अपराध दर 84.0 से बढ़कर 85.2 प्रति लाख जनसंख्या हो गई।

हत्या और वरिष्ठ नागरिकों के खिलाफ अपराध जैसी कुछ श्रेणियों में मामूली गिरावट जरूर दर्ज की गई, लेकिन कुल मिलाकर रिपोर्ट ने अपराध की बढ़ती प्रवृत्ति पर गंभीर चिंता जताई है।


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