मनुवादी मानसिकता से प्रेरित भाजपा का सर्वेक्षण विरोध: सिद्धारमैया
बेंगलुरु। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने सामाजिक, आर्थिक और शैक्षिक सर्वेक्षण का विरोध करने वाले भाजपा नेताओं पर निशाना साधते हुए उनके रुख को पाखंडी और मनुवादी मानसिकता से प्रेरित बताया। उन्होंने कहा कि यह सर्वेक्षण किसी के खिलाफ नहीं बल्कि सभी के पक्ष में है और राज्य के सभी सात करोड़ निवासियों को शामिल करता है ताकि समान प्रतिनिधित्व सुनिश्चित किया जा सके।
सिद्धारमैया ने एक पोस्ट में लिखा कि मनुवाद की विचारधारा यह तय करती है कि धन, अवसर और प्रतिनिधित्व कुछ हाथों में केंद्रित रहें, गरीब गरीब ही रहें, पिछड़े पिछड़े ही रहें, महिलाएं अवसरों से वंचित रहें और जातियों व समुदायों के बीच असमानता बनी रहे। उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य से यह मानसिकता भाजपा नेताओं के भीतर गहराई से समाई हुई है।
उन्होंने नागरिकों से राजनीति से प्रेरित और भ्रामक बयानों को नज़रअंदाज़ करने और गणनाकर्ताओं के साथ सहयोग करने की अपील की। इस बीच, कांग्रेस विधान पार्षद रमेश बाबू ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को पत्र लिखकर केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी और बेंगलुरु दक्षिण से सांसद तेजस्वी सूर्या के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। रमेश बाबू ने आरोप लगाया कि उनकी टिप्पणियों ने ओबीसी अधिकारों को कमजोर किया है और भाजपा से आरक्षण पर अपना आधिकारिक रुख स्पष्ट करने की अपील की।
भाजपा नेताओं ने सर्वेक्षण पर डेटा सुरक्षा और उद्देश्य को लेकर सवाल उठाए हैं। तेजस्वी सूर्या ने इसे अवैध और राजनीति से प्रेरित बताते हुए लोगों से बहिष्कार की अपील की। प्रह्लाद जोशी ने आरोप लगाया कि व्यक्तिगत जानकारी अनावश्यक रूप से एकत्र की जा रही है और डेटा बेचे जाने की आशंका जताई। कर्नाटक भाजपा अध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र ने कहा कि उनकी पार्टी जाति सर्वेक्षण के खिलाफ नहीं है, लेकिन कांग्रेस सरकार के विभाजनकारी इरादों का विरोध करती है।
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