रेल आधारित लॉन्चर से अग्नि-प्राइम का सफल परीक्षण, भारत की सामरिक शक्ति में नई छलांग
भारत ने अपनी सामरिक क्षमताओं में ऐतिहासिक उपलब्धि दर्ज की है। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) और सामरिक बल कमान (SFC) ने मिलकर रेल आधारित मोबाइल लॉन्चर से मध्यम दूरी की अग्नि-प्राइम मिसाइल का सफल परीक्षण किया। यह पहली बार है जब किसी विशेष रूप से डिज़ाइन किए गए प्लेटफ़ॉर्म को भारतीय रेलवे नेटवर्क से जोड़कर इस प्रकार का प्रक्षेपण किया गया है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इसे "पहली बार का अद्वितीय प्रयास" बताते हुए कहा कि इस तकनीक ने भारत की सामरिक रोकथाम क्षमता को नए स्तर पर पहुँचा दिया है। अग्नि-प्राइम मिसाइल, जिसे पहले समुद्र और ज़मीन आधारित मोबाइल लॉन्चरों से परीक्षण किया जा चुका है, अब रेल आधारित लॉन्चर के साथ और भी लचीली हो गई है। इस तकनीक के कारण मिसाइल को बिना किसी विशेष पूर्व-शर्त के रेलवे नेटवर्क पर स्थानांतरित किया जा सकता है। इससे त्वरित प्रतिक्रिया समय सुनिश्चित होता है और प्रक्षेपण स्थल की दृश्यता भी न्यूनतम रहती है।
यह तकनीक संभावित विरोधियों के लिए भारत की मिसाइल तैनाती का अनुमान लगाना कठिन बना देती है। रेल नेटवर्क की व्यापकता भारत को यह क्षमता देती है कि वह देश के विभिन्न हिस्सों से अप्रत्याशित रूप से मिसाइल प्रक्षेपण कर सके। यह किसी भी प्रतिद्वंद्वी के लिए गंभीर रणनीतिक चुनौती है।
यह परीक्षण अगस्त में ओडिशा के चांदीपुर से हुए सफल प्रक्षेपण के बाद हुआ है। इससे पहले मार्च 2024 में ‘मिशन दिव्यास्त्र’ के अंतर्गत अग्नि-5 का परीक्षण किया गया था, जिसमें MIRV (Multiple Independently Targetable Re-entry Vehicle) तकनीक का प्रदर्शन हुआ। इस तकनीक से एक ही मिसाइल में 3-4 परमाणु वारहेड ले जाकर अलग-अलग लक्ष्यों पर साधे जा सकते हैं।
फिलहाल सामरिक बल कमान केवल एक-वारहेड वाली मिसाइलों का संचालन करता है, लेकिन MIRV क्षमता के साथ भारत की सामरिक शक्ति और विश्वसनीयता कई गुना बढ़ जाती है। ऐसे परिदृश्य में अग्नि-प्राइम का रेल आधारित प्रक्षेपण भारत की सामरिक श्रृंखला को और बहुआयामी बना देता है।
वैश्विक स्तर पर केवल चुनिंदा देश ही रेल आधारित या कैनिस्टराइज़्ड मोबाइल लॉन्च सिस्टम विकसित कर पाए हैं। भारत का इस श्रेणी में प्रवेश न केवल तकनीकी आत्मनिर्भरता का प्रमाण है, बल्कि यह स्पष्ट संकेत भी है कि भारत अपनी सामरिक क्षमता को किसी एक माध्यम पर निर्भर नहीं रखना चाहता। यह बहु-स्तरीय सुरक्षा दृष्टिकोण भारत को चीन और पाकिस्तान जैसे पड़ोसियों के संदर्भ में और भी मजबूत बनाता है।
कुल मिलाकर अग्नि-प्राइम का यह नवीनतम परीक्षण केवल तकनीकी उपलब्धि नहीं, बल्कि भारत की सामरिक सोच का प्रतिबिंब है। रेल आधारित मोबाइल लॉन्चर भारत को "छिपे हुए लेकिन तैयार" रहने की रणनीति प्रदान करता है और विरोधी किसी भी आकस्मिक परिस्थिति में भारत की प्रतिक्रिया क्षमता का अनुमान नहीं लगा सकते। यह उपलब्धि आत्मनिर्भर भारत की रक्षा दृष्टि को साकार करने के साथ-साथ देश की सामरिक रोकथाम क्षमता को नए आयाम देती है।
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