संघ किसी का विरोध नहीं करता, राष्ट्रीय एकता के लिए प्रतिबद्ध : दत्तात्रेय होसबोले
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के महासचिव दत्तात्रेय होसबोले ने कहा कि संघ किसी का विरोध नहीं करता, बल्कि राष्ट्रीय एकता के लिए कार्य करता है। राष्ट्रीय राजधानी में आरएसएस के शताब्दी समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि भारतीयों को भारत को "विश्वगुरु" बनाने के लिए काम करना होगा और देश के बारे में बनाई गई नकारात्मक धारणाओं को बदलना होगा।
होसबोले ने आरएसएस के एक गीत की पंक्ति का उल्लेख करते हुए कहा कि जैसे जेएफ कैनेडी ने कहा था, "यह मत पूछो कि देश ने तुम्हें क्या दिया है, यह पूछो कि तुमने देश को क्या दिया है।" इसलिए हमें किसी प्रमाण पत्र की आवश्यकता नहीं है। संघ किसी का विरोध नहीं करता। सब समाज के लिए साथ में आगे बढ़ते जाना ही संघ का गीत है।
उन्होंने कहा कि भारत के इर्द-गिर्द नकारात्मक माहौल बनाने की कोशिशें हुई हैं, लेकिन शिक्षा से लेकर अंतरराष्ट्रीय मंचों तक बदलाव के रास्ते खुले हैं। भारत के बारे में विचार सकारात्मक और सत्य पर आधारित होने चाहिए। हर भारतीय को अपनी क्षमता में राष्ट्र को "विश्वामित्र और विश्वगुरु" बनाने के लिए काम करना होगा।
होसबोले ने कहा कि संघ ने 100 वर्षों की यात्रा में विरोध और संघर्ष झेले हैं, लेकिन भारत सरकार और जनता से मान्यता भी मिली है। उन्होंने कहा कि यह एक दिलचस्प यात्रा रही है जिसमें उदासीनता से लेकर मान्यता तक का सफर तय किया गया। संघ को उसकी देशभक्ति, सेवा और अनुशासन के लिए देखा जाता है।
उन्होंने कहा कि भारत सरकार राष्ट्र के लिए कार्य करने वाले संगठनों को सामाजिक मान्यता प्रदान करती है और जनता की ओर से संघ के कार्यों को सम्मान दिया गया है। आरएसएस के विस्तार पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने संस्थापक केबी हेडगेवार के समाज को जागृत करने और 'धर्म' की रक्षा के लिए किए गए कार्यों को याद किया।
Latest News


Tue-14-Oct - हरियाणा: आईपीएस अधिकारी वाई पूरण कुमार मामले में डीजीपी शत्रुजीत कपूर को छुट्टी पर भेजा


Fri-10-Oct - ट्रंप की प्रशंसा पर जयराम रमेश का पीएम मोदी पर तंज, कहा—‘निराधार दावों का अर्धशतक पूरा’


Wed-08-Oct - पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा बुखार और संक्रमण के बाद अस्पताल में भर्ती, हालत स्थिर