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गांधी और शास्त्री की जयंती पर प्रधानमंत्री मोदी ने अर्पित की श्रद्धांजलि, आदर्शों को बताया विकसित और आत्मनिर्भर भारत की नींव

:: Editor - Omprakash Najwani :: 02-Oct-2025
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2 अक्टूबर को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। मोदी ने राजघाट जाकर गांधी को और विजय घाट जाकर शास्त्री को नमन किया। उन्होंने गांधी के अहिंसक आदर्शों को ‘विकसित भारत’ की नींव बताया, जबकि शास्त्री के ‘जय जवान जय किसान’ मंत्र को ‘आत्मनिर्भर भारत’ का निरंतर प्रेरणास्रोत कहा।

गांधी जयंती के अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि राष्ट्रपिता के आदर्शों ने मानव इतिहास की दिशा बदल दी। उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा कि गांधी ने दिखाया कि साहस और सादगी कैसे महान परिवर्तन के साधन बन सकते हैं। वे सेवा और करुणा की शक्ति को लोगों को सशक्त बनाने का अनिवार्य माध्यम मानते थे।

मोहनदास करमचंद गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था। वे अहिंसक प्रतिरोध और सत्याग्रह के दर्शन के जरिए स्वतंत्रता संग्राम के अग्रदूत बने। 30 जनवरी 1948 को नई दिल्ली में नाथूराम गोडसे ने उनकी हत्या कर दी थी। उनके जीवन और बलिदान को आज भी पूरी दुनिया शांति और मानवीय गरिमा के प्रतीक के रूप में याद करती है।

वहीं लाल बहादुर शास्त्री की जयंती पर विजय घाट पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि शास्त्री एक असाधारण राजनेता थे जिनकी ईमानदारी, विनम्रता और दृढ़ संकल्प ने भारत को मजबूत बनाया। उन्होंने कहा कि शास्त्री का ‘जय जवान जय किसान’ का आह्वान आज भी देश को प्रेरित करता है।

लाल बहादुर शास्त्री का जन्म 1904 में उत्तर प्रदेश में हुआ था। वे जवाहरलाल नेहरू के निधन के बाद प्रधानमंत्री बने और अपने छोटे कार्यकाल में भारत-पाक युद्ध के समय निर्णायक नेतृत्व दिया। उनकी सादगी, ईमानदारी और आमजन से जुड़ाव ने उन्हें सर्वत्र सम्मान दिलाया। गांधी की शिक्षाओं से प्रेरित शास्त्री की विरासत भारत को आत्मनिर्भरता और प्रगति की दिशा में निरंतर प्रेरित करती रहती है।


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