2027 विधानसभा चुनाव बसपा अकेले लड़ेगी, मायावती ने गठबंधन की अटकलों को किया खारिज
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती ने गुरुवार को घोषणा की कि उनकी पार्टी 2027 में होने वाले उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव अकेले लड़ेगी और किसी भी दल से गठबंधन नहीं करेगी। लखनऊ में बसपा संस्थापक कांशीराम की पुण्यतिथि पर आयोजित सभा को संबोधित करते हुए मायावती ने कहा कि राज्य या देश के अन्य हिस्सों में गठबंधन करने से पार्टी को कोई लाभ नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि गठबंधन में बसपा के वोट तो ट्रांसफर हो जाते हैं, लेकिन दूसरी पार्टी के वोट बसपा को नहीं मिलते, जिससे पार्टी का वोट शेयर घट जाता है।
मायावती ने कहा कि जब बसपा ने पहले कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ा था, तब पार्टी केवल 67 सीटें जीत पाई थी, जबकि 2007 में पार्टी ने अपने दम पर बहुमत की सरकार बनाई थी। उन्होंने कहा कि गठबंधन सरकारें लंबे समय तक नहीं टिकतीं, इसलिए बसपा अब अकेले चुनाव लड़ेगी।
आज़म खान के बसपा में शामिल होने की अफवाहों को खारिज करते हुए मायावती ने कहा कि पिछले महीने से झूठी खबरें चलाई जा रही हैं कि दूसरे दलों के नेता उनसे मिले हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि उन्होंने किसी से मुलाकात नहीं की है और वह किसी से छिपकर नहीं मिलतीं।
मायावती ने राज्य की योगी आदित्यनाथ सरकार की यह कहते हुए सराहना की कि उसने दलितों के कल्याण से जुड़े स्मारकों पर आने वाले आगंतुकों से एकत्रित धनराशि का उपयोग सही उद्देश्य के लिए किया है। उन्होंने कहा कि बसपा सरकार के समय तय किया गया था कि पार्कों और स्मारक स्थलों के रखरखाव के लिए टिकटों से प्राप्त राशि का उपयोग केवल इसी कार्य में होगा और वर्तमान सरकार ने इसे बरकरार रखा है।
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