दलित बस्तियों में मंदिर बनाम बुनियादी ढांचा : शर्मिला-बजेपी आमने-सामने
आंध्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष वाईएस शर्मिला ने बुधवार को सवाल उठाया कि क्या सरकार से दलित बस्तियों में मंदिर बनाने के बजाय बुनियादी ढांचे पर ध्यान केंद्रित करने का अनुरोध करना गलत है। उन्होंने कहा कि जुलाई में आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय ने पाया था कि 228 दलित छात्र एक ही शौचालय का उपयोग करने को मजबूर थे। शर्मिला ने कहा कि सरकार को पहले स्कूलों और बुनियादी सुविधाओं पर ध्यान देना चाहिए।
उन्होंने आरोप लगाया कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम के धन का दुरुपयोग कर रही है और दलितों के हितों की तरफ आंख मूंदे बैठी है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू को किसी एक धर्म के प्रति पक्षपाती रवैया नहीं अपनाना चाहिए। शर्मिला ने कहा कि न तो वह और न ही कांग्रेस पार्टी हिंदू धर्म के खिलाफ है, बल्कि कांग्रेस सर्व-धर्म समावेशी पार्टी है।
शर्मिला ने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ उनकी टिप्पणियों को तोड़-मरोड़कर पेश कर रहे हैं और उनके खिलाफ दुष्प्रचार चला रहे हैं। उन्होंने याद दिलाया कि तिरुमाला लड्डू विवाद की सीबीआई जांच की मांग सबसे पहले उन्होंने ही की थी, लेकिन मुख्यमंत्री नायडू इस पर जिम्मेदारी से जवाब देने में नाकाम रहे।
इस बीच, भाजपा की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष पीवीएन माधव ने शर्मिला की आलोचना करते हुए उन पर धार्मिक नफरत भड़काने और जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया। माधव ने कहा कि शर्मिला को आरएसएस का मतलब तक नहीं पता और वे ऐसे बयान दे रही हैं जिनसे राज्यभर में सांप्रदायिक तनाव भड़क रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि शर्मिला अपने पति के साथ मिलकर धर्म परिवर्तन करवा रही हैं, फिर भी उन्हें एपीसीसी अध्यक्ष बनाया गया है।
माधव ने आरोप लगाया कि कांग्रेस धार्मिक राजनीति कर रही है और भाजपा पर बेवजह आरोप मढ़ रही है। उन्होंने चेतावनी दी कि जबरन धर्मांतरण को सख्ती से रोका जाएगा।
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