करूर भगदड़ मामले में टीवीके ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया, स्वतंत्र जांच की मांग
नई दिल्ली। तमिल अभिनेता विजय की राजनीतिक पार्टी तमिझागा वेत्री कझगम (टीवीके) ने मद्रास उच्च न्यायालय के 3 अक्टूबर के आदेश को चुनौती देते हुए सर्वोच्च न्यायालय का रुख किया है। उच्च न्यायालय ने करूर भगदड़ की जांच के लिए पुलिस महानिरीक्षक के नेतृत्व में एक विशेष जांच दल (एसआईटी) के गठन का निर्देश दिया था। पार्टी ने शीर्ष अदालत से हस्तक्षेप की मांग की है और पुलिस के नेतृत्व वाली एसआईटी जांच के बजाय घटना की स्वतंत्र जांच का आग्रह किया है।
यह याचिका अधिवक्ता दीक्षिता गोहिल, प्रांजल अग्रवाल और यश एस विजय के माध्यम से दायर की गई है। सर्वोच्च न्यायालय टीवीके की इस याचिका पर 10 अक्टूबर को सुनवाई करेगा। इस मामले से संबंधित एक अन्य याचिका अधिवक्ता जीएस मणि द्वारा दायर की गई है, जिसमें केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से जांच की मांग की गई है। अब तक करूर भगदड़ मामले को लेकर सर्वोच्च न्यायालय में तीन याचिकाएं दाखिल की जा चुकी हैं।
मद्रास उच्च न्यायालय ने 3 अक्टूबर को अभिनेता से नेता बने विजय की 27 सितंबर को आयोजित राजनीतिक रैली के दौरान हुई दुखद भगदड़ की जांच के लिए एसआईटी के गठन का आदेश दिया था। अदालत का यह निर्देश कार्यक्रम के कुप्रबंधन को लेकर बढ़ती आलोचना के बीच आया, जिसमें 41 लोगों की मौत हुई थी। यह निर्णय उच्च न्यायालय की मुख्य पीठ ने दिया, जिसने एक भाजपा नेता की सीबीआई जांच की मांग वाली याचिका को भी खारिज कर दिया।
करूर में विजय की पार्टी टीवीके द्वारा आयोजित इस रैली में करीब 27,000 से अधिक लोग पहुंचे थे, जो अनुमानित संख्या से लगभग तीन गुना ज्यादा था। पुलिस ने इस अफरा-तफरी के लिए आंशिक रूप से विजय के कार्यक्रम स्थल पर पहुंचने में हुई सात घंटे की देरी को जिम्मेदार ठहराया है।
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