दुर्गापुर गैंगरेप पर बंगाल में सियासी तूफान, पांच गिरफ्तार — विपक्ष ने टीएमसी पर सबूत मिटाने का आरोप लगाया
पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर में मेडिकल छात्रा से सामूहिक बलात्कार के मामले में पांच लोगों की गिरफ्तारी के बाद सियासी घमासान मच गया है। विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस पर सबूत नष्ट करने और अपने एक कार्यकर्ता को बचाने का आरोप लगाया, जबकि टीएमसी ने इन आरोपों को खारिज किया है।
पुलिस के अनुसार, दुर्गापुर के एक निजी मेडिकल कॉलेज की 23 वर्षीय छात्रा, जो ओडिशा के बालासोर जिले की रहने वाली है, के साथ शुक्रवार रात कथित तौर पर पांच लोगों ने सामूहिक बलात्कार किया। सोमवार को दो और आरोपियों की गिरफ्तारी के साथ कुल पांच लोगों को हिरासत में लिया गया। पुलिस उपायुक्त अभिषेक गुप्ता ने बताया कि शिकायत के आधार पर सभी आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है।
छात्रा ने अपने बयान में कहा कि जब वह एक मित्र के साथ रात का खाना खाने बाहर गई थी, तभी कुछ लोगों ने उन्हें घेर लिया और हमला किया। जांच में सामने आया कि पहले तीन लोगों ने छात्रा को रोका, फिर दो और आकर वारदात में शामिल हो गए। आरोपी ने छात्रा को चुप रहने के लिए 5,000 रुपये की पेशकश भी की। पीड़िता का पुरुष मित्र पूछताछ के लिए पुलिस हिरासत में है, क्योंकि घटना के समय उसके आचरण पर संदेह जताया गया है।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है। वहीं, तृणमूल कांग्रेस सांसद सौगत रॉय ने विवादित बयान देते हुए कहा कि “पुलिस हर जगह नहीं हो सकती, महिलाओं को सावधानी बरतनी चाहिए।” इससे पहले ममता बनर्जी ने भी छात्राओं को देर रात बाहर न निकलने की सलाह दी थी, जिस पर उनकी आलोचना हुई है।
ओडिशा राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष सोवाना मोहंती भी छात्रा और परिवार से मिलने के लिए पश्चिम बंगाल रवाना हुईं। शुभेंदु अधिकारी ने आरोप लगाया कि भाजपा नेताओं और पीड़िता के परिवार को अस्पताल में प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई। उन्होंने कहा कि यह सबूत मिटाने का प्रयास है और गिरफ्तारियां दिखावे के लिए हैं।
अधिकारी ने दावा किया कि एक आरोपी शेख नसीरुद्दीन तृणमूल कांग्रेस से जुड़ा है और उसका पिता स्थानीय टीएमसी पदाधिकारी है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जिम्मेदारी से नहीं बच सकतीं।
टीएमसी आईटी प्रकोष्ठ प्रभारी देबांग्शु भट्टाचार्य ने इन आरोपों को निराधार बताया। उन्होंने कहा, “अगर आरोपी का कोई रिश्तेदार टीएमसी से जुड़ा है तो इसका मतलब यह नहीं कि पार्टी उसका समर्थन कर रही है। पुलिस किसी के राजनीतिक जुड़ाव को नहीं देख रही।”
टीएमसी प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा कि ममता बनर्जी फिलहाल उत्तर बंगाल में बाढ़ राहत कार्यों की निगरानी में व्यस्त हैं और भाजपा को यह तय करने का अधिकार नहीं कि मुख्यमंत्री कब दौरा करें। उन्होंने कहा, “प्राथमिकता दोषियों को पकड़ने और न्याय दिलाने की है। भाजपा केवल इस घटना का राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश कर रही है।
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