दिल्ली से दो लोगों की गिरफ्तारी पर राजस्थान पुलिस घिरी, हाईकोर्ट ने जताई सख्ती
दिल्ली के जनकपुरी स्थित भारती कॉलेज के पास दशहरा पार्क में खिलौने बेचने वाली एक महिला ने 26 सितंबर को आरोप लगाया था कि उसके 15 वर्षीय बेटे और उसके रिश्तेदार के 17 वर्षीय बेटे को सादे कपड़ों में आए अज्ञात लोग ‘‘जबरन उठाकर’’ ले गए। इस मामले पर दिल्ली उच्च न्यायालय में सुनवाई हुई, जहां राजस्थान पुलिस ने माना कि उसके अधिकारियों ने बिना स्थानीय पुलिस और माता-पिता को सूचित किए दोनों को गिरफ्तार किया था।
न्यायमूर्ति ज्योति सिंह और न्यायमूर्ति अनीश दयाल की पीठ ने मंगलवार को राजस्थान पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाए और कानून उल्लंघन को गंभीरता से लिया। राजस्थान पुलिस ने अदालत को बताया कि प्रक्रियागत खामियों के कारण विभाग ने संबंधित अधिकारियों के खिलाफ जांच शुरू कर दी है।
राजस्थान के अजमेर की पुलिस अधीक्षक वंदिता राणा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कार्यवाही में शामिल हुईं और अदालत को आश्वासन दिया कि मामले को जिम्मेदारी और संवेदनशीलता के साथ संभाला जाएगा। उन्होंने बताया कि जांच रिपोर्ट आठ अक्टूबर 2025 को या उससे पहले अदालत में पेश कर दी जाएगी।
इस बीच, राजस्थान पुलिस ने यह भी कहा कि अजमेर के जेएलएन अस्पताल में गठित मेडिकल बोर्ड ने जांच के बाद पुष्टि की है कि गिरफ्तार किए गए दोनों लोग 19 वर्ष से अधिक उम्र के हैं। अदालत इस मामले की अगली सुनवाई आठ अक्टूबर को करेगी।
महिला ने आरोप लगाया कि घटना की रात उसके रिश्तेदार जनकपुरी थाने पहुंचे थे, लेकिन उन्हें हरि नगर थाने भेज दिया गया। दोनों थानों में गुमशुदगी की शिकायत दर्ज नहीं हुई और बच्चों का कोई सुराग नहीं मिला। इसके बाद महिला ने उच्च न्यायालय का रुख किया।
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