बेंगलुरु, 11 अक्टूबर। मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने शुक्रवार को नवगठित ग्रेटर बेंगलुरु अथॉरिटी (जीबीए) की उद्घाटन बैठक की अध्यक्षता की और अधिकारियों को निर्देश दिया कि शहर के निवासियों को आवश्यक बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं। उन्होंने कचरे के सही निपटान, यातायात जाम कम करने, सड़कों के रखरखाव और जीबीए के तहत आने वाले पांचों नगर निगमों की आय बढ़ाने पर जोर दिया।
मुख्यमंत्री की अध्यक्षता वाली जीबीए में विधायकों, सांसदों और विधान परिषद सदस्यों समेत 75 सदस्य हैं। सिद्धरमैया ने कहा कि शहर को स्वच्छ और सुंदर बनाने के लिए सभी को मिलकर कार्य करना चाहिए। उन्होंने चेतावनी दी कि अधिकारियों की ठेकेदारों से मिलीभगत बर्दाश्त नहीं की जाएगी और गुणवत्तापूर्ण कार्य को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
सिद्धरमैया ने स्पष्ट किया कि ग्रेटर बेंगलुरु प्राधिकरण के गठन के पीछे कोई राजनीतिक मकसद नहीं है। उन्होंने कहा कि लक्ष्य नागरिकों को सर्वोत्तम सुविधाएं और सुशासन प्रदान करना है। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि जनप्रतिनिधियों को बैठकों में अपनी राय स्वतंत्र रूप से रखने का अवसर मिलता है, लेकिन कुछ प्रतिनिधियों ने यह मौका गंवा दिया। भाजपा पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि जो लोग बेंगलुरु के विकास और सत्ता के विकेंद्रीकरण के खिलाफ हैं, उन्होंने बैठक का बहिष्कार किया।
दूसरी ओर, भाजपा नेताओं ने बैठक का बहिष्कार करते हुए कांग्रेस सरकार पर बेंगलुरु को बांटने का आरोप लगाया। भाजपा नेता आर अशोक ने कहा कि नाडा प्रभु केम्पेगौड़ा द्वारा बसाए गए शहर को विभाजित करना ऐतिहासिक अन्याय है। उन्होंने कहा कि सत्ता में लौटने पर भाजपा शहर को फिर से एकजुट करेगी। अशोक ने सवाल किया, “क्या सत्ता के विकेंद्रीकरण का मतलब शहर को बांटना है? क्या मुख्यमंत्री विकास के लिए राज्य को भी बांट देंगे?”
भाजपा नेताओं ने यह भी आरोप लगाया कि बैठक का एजेंडा देर से भेजा गया और प्रक्रियागत खामियों के कारण इसमें भाग नहीं लिया गया।