समुद्री सुरक्षा पर राजनाथ सिंह का जोर, तटरक्षक बल के स्वदेशीकरण प्रयासों की सराहना
नई दिल्ली। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भारतीय तटरक्षक कमांडरों के सम्मेलन में पड़ोसी देशों की अस्थिरता से उत्पन्न समुद्री चुनौतियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि बंगाल की खाड़ी में शरणार्थियों और अवैध प्रवासियों की आमद तटीय सुरक्षा के लिए बड़ी चुनौती है।
राजनाथ सिंह ने स्पष्ट किया कि भारत अपनी भूमि सीमाओं के साथ-साथ समुद्री सीमाओं पर भी गंभीर चुनौतियों का सामना कर रहा है। उन्होंने कहा कि शरणार्थियों की आमद और समुद्री गतिविधियाँ तटीय सुरक्षा को चुनौतीपूर्ण बनाती हैं। इसलिए हमें केवल नियमित निगरानी तक सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि दोहरे मोर्चे पर नज़र रखते हुए भू-राजनीतिक जागरूकता और तैयारी भी जरूरी है।
उन्होंने ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत भारतीय तटरक्षक बल के स्वदेशीकरण प्रयासों की सराहना की। उन्होंने बताया कि तटरक्षक बल के जहाजों की सर्विसिंग और मरम्मत भारत में ही की जा रही है और इसका 90 प्रतिशत बजट स्वदेशी संपत्तियों के विकास में खर्च होता है।
रक्षा मंत्री ने कहा कि सरकार तटरक्षक बल को अत्याधुनिक प्लेटफॉर्म और मानव शक्ति उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि केंद्र भारतीय तटरक्षक बल को सभी आधुनिक सुविधाएँ देने की दिशा में निरंतर कार्य कर रहा है।
तीन दिवसीय सम्मेलन 28 सितंबर को नई दिल्ली स्थित तटरक्षक मुख्यालय में शुरू हुआ। भारतीय तटरक्षक बल के अनुसार, यह सम्मेलन समुद्री सुरक्षा, संरक्षा और पर्यावरण संरक्षण में इसकी भूमिका को रेखांकित करता है और एक सुरक्षित, स्थिर और लचीले समुद्री क्षेत्र के राष्ट्रीय दृष्टिकोण के अनुरूप है।
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