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ट्रंप ने वाल स्ट्रीट जर्नल, मर्डोक और पत्रकारों पर ठोका 10 अरब डॉलर का मानहानि केस

:: Editor - Omprakash Najwani :: 20-Jul-2025
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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शनिवार को वाल स्ट्रीट जर्नल, रूपर्ट मर्डोक और दो पत्रकारों के खिलाफ मियामी की संघीय अदालत में मानहानि का मुकदमा दायर किया है। ट्रंप ने 10 अरब डॉलर का हर्जाना मांगा है। उनका आरोप है कि इन लोगों ने झूठी और अपमानजनक रिपोर्ट प्रकाशित कर उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाया है।

मुकदमे में जर्नल की मूल कंपनी न्यूज कार्प, संस्थापक और पूर्व अध्यक्ष रूपर्ट मर्डोक, सीईओ राबर्ट थमसन, जर्नल के प्रकाशक डाव जोन्स और दो पत्रकारों को प्रतिवादी बनाया गया है। मामला वाल स्ट्रीट जर्नल द्वारा प्रकाशित एक खबर से जुड़ा है, जिसमें यौन अपराधी जेफ्री एपस्टीन के 2003 के जन्मदिन एल्बम का जिक्र था। रिपोर्ट के मुताबिक, एल्बम में ट्रंप द्वारा भेजा गया एक पत्र भी शामिल था, जिसमें एक नग्न महिला का चित्र था और उस पर कमर के नीचे ट्रंप के हस्ताक्षर थे।

पत्र में लिखा गया था, "जन्मदिन मुबारक हो और हर दिन एक अद्भुत रहस्य लेकर आए।" एपस्टीन ने 2019 में न्यूयॉर्क की जेल में आत्महत्या कर ली थी। ट्रंप की शिकायत में कहा गया है कि इस रिपोर्ट के समय को देखते हुए उनके वित्तीय और सामाजिक नुकसान की आशंका और बढ़ गई है।

इस रिपोर्ट का शीर्षक था: "जेफ्री एपस्टीन के दोस्तों ने उन्हें उनकी 50वीं जन्मतिथि के एल्बम के लिए अश्लील पत्र भेजे। उनमें से एक डोनाल्ड ट्रंप का था।"

वहीं, समाचार एजेंसी एपी के अनुसार, ट्रंप के समर्थकों के दबाव में प्रशासन ने शुक्रवार को एक संघीय अदालत से एपस्टीन मामले से जुड़े गोपनीय ग्रैंड जूरी रिकॉर्ड सार्वजनिक करने की अनुमति मांगी है। हालांकि इन दस्तावेजों के सार्वजनिक होने पर भी यह स्पष्ट नहीं है कि आलोचकों की संतुष्टि हो सकेगी या नहीं। इस बीच, प्रशासन खुद पर मौजूद रिकॉर्ड जारी न करने और “डीप स्टेट” जैसे सरकारी रहस्यों को लेकर वादों से पीछे हटने को लेकर सवालों के घेरे में है।

ट्रंप ने गुरुवार रात ट्रुथ सोशल पर वाल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट को खारिज करते हुए लिखा, "मैं चित्र नहीं बनाता।" लेकिन उनके अतीत से यह साफ है कि वे वर्षों से हाई प्रोफाइल स्केच और डूडल बनाते रहे हैं। 2000 में उन्होंने न्यूयॉर्क की कई चैरिटीज को मोटे काले मार्कर से बनाए चित्र दान किए थे, जिन पर उनके हस्ताक्षर भी थे। ऐसे ही हस्ताक्षर उस पत्र पर भी बताए जा रहे हैं, जो एपस्टीन को भेजा गया था।


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