धर्मांतरण सिंडिकेट का खुलासा: अब्दुल रहमान 35 वर्षों से चला रहा था 'स्लीपर सेल' सोशल मीडिया के जरिये युवाओं को बनाता था निशाना, मौलाना कलीम सिद्दीकी की किताबों से करता था ब्रेनवॉश
आगरा धर्म परिवर्तन मामले में मुख्य आरोपी अब्दुल रहमान ने बड़ा खुलासा किया है। पुलिस पूछताछ में रहमान ने बताया कि वह एक 'स्लीपर सेल' की तरह काम कर रहा था और पिछले 35 वर्षों से इस्लाम फैलाने के उद्देश्य से गुप्त रूप से धर्मांतरण करा रहा था। वह खासकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से युवा लड़के-लड़कियों को निशाना बनाता था।
रहमान ने बताया कि पहले युवाओं को चिन्हित किया जाता, फिर उसके समूह के मुस्लिम युवक उनसे संपर्क कर उन्हें ब्रेनवॉश करते थे। इसके बाद उन्हें मस्जिदों में ले जाकर कलमा पढ़वाया जाता था और धर्मांतरित मुस्लिमों से उनकी शादी करा दी जाती थी। यह पूरी प्रक्रिया एक संगठित धर्मांतरण नेटवर्क के तहत होती थी।
रहमान ने यह भी कबूल किया कि वह अकेले नहीं था, बल्कि उसके साथ एक पूरी टीम थी, जो अलग-अलग इलाकों में गुप्त रूप से सक्रिय थी। उसने स्वीकार किया कि लोगों का ब्रेनवॉश करने के लिए मौलाना कलीम सिद्दीकी द्वारा लिखी गई किताबों का उपयोग करता था। पुलिस को उसके घर से कई संदिग्ध किताबें और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बरामद हुए हैं, जिनकी जाँच जारी है।
पूछताछ में रहमान ने कहा कि सोशल मीडिया धर्मांतरण के लिए संवेदनशील लोगों की पहचान करने और उन्हें प्रभावित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता था। पुलिस अब इस सिंडिकेट में शामिल अन्य लोगों की तलाश में जुटी है।
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