एसआईआर के खिलाफ संसद में विपक्ष का हल्लाबोल, लोकतंत्र की हत्या का आरोप
बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के खिलाफ मंगलवार को विपक्षी सांसदों ने संसद परिसर के मकर द्वार पर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव भी इस प्रदर्शन में शामिल हुए।
सांसदों ने नारेबाजी करते हुए आरोप लगाया कि यह एसआईआर प्रक्रिया चुनाव 'चुराने' का हथकंडा है। इस दौरान लोकसभा की कार्यवाही विपक्ष के शोरगुल के चलते दोपहर 2 बजे तक स्थगित करनी पड़ी।
भाजपा सांसद जगदंबिका पाल ने विपक्ष को सुझाव दिया कि तख्तियाँ दिखाने के बजाय वे अपने प्रस्ताव और संकल्प कार्य मंत्रणा समिति को दें, जिस पर विचार किया जाएगा और सरकार जवाब देगी।
राजद सांसद मनोज झा ने कहा कि अगर लोकतंत्र में मतदाता सुरक्षित नहीं है, तो लोकतंत्र भी सुरक्षित नहीं है। उन्होंने मुख्य चुनाव आयुक्त से इस मुद्दे की जांच की मांग की।
समाजवादी पार्टी की सांसद डिंपल यादव ने कहा कि विधानसभा चुनाव से ठीक पहले इस प्रकार की समीक्षा सरकार की मंशा पर सवाल खड़े करती है।
कांग्रेस सांसद के सुरेश ने कहा कि सरकार सदन में इस मुद्दे को उठाने की अनुमति नहीं दे रही है। भारत गठबंधन के सभी दलों ने संसद परिसर में विरोध दर्ज कराया।
कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि वे लोकतंत्र की हत्या कर रहे हैं और हम इसके खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। के.सी. वेणुगोपाल ने इसे लोकतंत्र पर सीधा हमला बताया और कहा कि चुनाव आयोग की निष्पक्षता पहले ही खत्म हो चुकी है।
राज्यसभा सांसद अखिलेश प्रसाद सिंह ने कहा कि एसआईआर के नाम पर मताधिकार छीना जा रहा है, जबकि नागरिकता सत्यापन गृह मंत्रालय की जिम्मेदारी है, चुनाव आयोग की नहीं।
कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा कि यह सिर्फ एसआईआर का मुद्दा नहीं, बल्कि लोकतंत्र की हत्या का मामला है। उन्होंने कहा कि भाजपा लोकतंत्र पर हमला कर रही है और हम इसकी रक्षा के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं।
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