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हनीट्रैप कनेक्शन से हिलाई एमवीए सरकार? प्रफुल लोढ़ा पर गंभीर आरोप, राजनीति में मचा भूचाल

:: Editor - Omprakash Najwani :: 24-Jul-2025
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जून 2022 में महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार के गिरने की कहानी एक बार फिर सुर्खियों में है, और इस बार केंद्र में हैं 62 वर्षीय प्रफुल लोढ़ा। शिवसेना (यूबीटी) के सांसद संजय राउत के हालिया आरोपों के बाद मामला फिर गर्मा गया है। राउत ने दावा किया कि शिवसेना के कई विधायक हनीट्रैप में फंसाए गए और इस साजिश के मास्टरमाइंड प्रफुल लोढ़ा थे।

इस खुलासे के बाद मुंबई और पुणे पुलिस ने प्रफुल लोढ़ा को दो बार हिरासत में लिया। साकीनाका पुलिस ने 7 जुलाई को उन्हें गिरफ्तार किया, और बाद में एमआडीसी पुलिस ने 17 जुलाई को एक 19 वर्षीय महिला के यौन उत्पीड़न के मामले में फिर से हिरासत में लिया। लोढ़ा पर दो पोक्सो केस दर्ज हैं। पुणे पुलिस ने भी रेप की धाराओं में एफआईआर दर्ज की है। मुंबई पुलिस ने जलगांव, जामनेर और पहुर में उनकी संपत्ति पर छापेमारी करते हुए लैपटॉप, पेन ड्राइव सहित कई सामान जब्त किए हैं।

कांग्रेस विधायक नाना पटोले ने महाराष्ट्र विधानसभा में यह मुद्दा उठाया और सरकार से स्पष्ट जवाब मांगा कि क्या वाकई कोई हनीट्रैप अभियान चलाया गया था, जिसमें आईएएस अधिकारी और वर्तमान मंत्री भी शामिल थे।

संजय राउत का आरोप है कि प्रफुल लोढ़ा ने शिवसेना के एक दर्जन से ज्यादा विधायकों और चार सांसदों को वीडियो के माध्यम से ब्लैकमेल किया था, और यही असली कारण था कि वे एकनाथ शिंदे के साथ चले गए। राउत ने कहा कि यह ईडी या सीबीआई का दबाव नहीं था, बल्कि एक सोची-समझी साजिश थी, जिसमें लोढ़ा की भूमिका प्रमुख थी। उन्होंने यह भी कहा कि लोढ़ा के संबंध बीजेपी के शीर्ष नेताओं से रहे हैं।

एक समय में बीजेपी के जामनेर विधायक गिरीश महाजन के करीबी माने जाने वाले लोढ़ा ने 2019 में उन पर आरोप लगाते हुए पार्टी छोड़ दी थी। महाजन द्वारा शुरू की गई आरोग्य दूत पहल में भी लोढ़ा की भूमिका सक्रिय रही थी।

बीजेपी छोड़ने के बाद लोढ़ा एनसीपी में शामिल हुए और अजित पवार के अलग होने के बावजूद शरद पवार गुट में बने रहे। फिर उन्होंने एनसीपी छोड़ी और वीबीए में चले गए, जहां उन्हें लोकसभा चुनाव का टिकट मिला, लेकिन पांच दिन बाद उन्होंने नामांकन वापस ले लिया और अंततः बीजेपी में लौट आए। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने जलगांव में एक कार्यक्रम के दौरान उनका स्वागत किया।

गिरीश महाजन ने स्पष्ट किया कि लोढ़ा अब बीजेपी में नहीं हैं और उनके साथ वायरल हो रही तस्वीरें पुरानी हैं। उन्होंने कहा कि लोढ़ा उनके करीबी नहीं थे और इन आरोपों की जांच से सच्चाई सामने आ जाएगी।

बीजेपी नेता एकनाथ खडसे ने कहा कि यदि लोढ़ा का अतीत संदिग्ध है, तो सवाल यह भी उठता है कि महाजन ने उन्हें दोबारा पार्टी में क्यों शामिल कराया? खडसे ने कहा कि हनीट्रैप से जुड़ी एफआईआर और आरोपों की सच्चाई देर-सवेर सामने आ ही जाएगी।


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